जयपुर। स्कूल-कॉलेजों और अन्य मंचों पर यह पढ़ाया गया है कि भारत 1947 को आजाद हो गया और सभी रियासतों को तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को शामिल कर लिया था। लेकिन देश के प्रधानमंत्री अब कह रहे हैं कि एक देश, एक संविधान, एक विधान, एक निशान, एक चुनाव। ऐसा क्यों?
राजस्थान का एक छोटा सा शहर है श्रीगंगानगर। नगर परिषद क्षेत्र है आबादी 2 लाख भी नहीं है। कभी देश और दुनिया को यह बताना पड़ता था कि यह पाकिस्तान के बॉर्डर से लगता हुआ इलाका है। सरकारी सेवा के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है। अधिकारी हैं, जिनका काम कानून व्यवस्था का पालन करना है।
इस शहर से ही एक नहर निकलती है जिसका नाम गंग नहर है। पढ़ाया गया है कि नहर महाराजा गंगासिंह ने बनवायी थी। ब्रिटिश हुकूमत के समय।
अब वहीं यह भी बताया गया है कि उत्तरी आर्यलैण्ड अभी भी यूके का हिस्सा है। उसकी 88 विधानसभा सीट हैं।
गंगनहर का जिक्र इसलिए किया जाता है क्योंकि गंगानगर शहर से ही ए माइनर निकलती है और जैड माइनर भी निकलती है। बी, सी, डी अन्य इलाकों में हैं। वहीं एच नहर है जो सीमावर्ती क्षेत्र में श्रीकरणपुर, गजसिंहपुर इलाकों को सिंचित करती है और उसका पानी ही बीएसएफ के सुरक्षाकर्मियों को भी उपलब्ध करवाया जाता है। बीएसएफ अर्थात बॉर्डर सिक्योरिटी फॉर्सेज अर्थात सीमा सुरक्षा बल। रायसिंहनगर क्षेत्र को सिंचित करने का कार्य आरबी, पीएस का है। पदमपुर में बीबी, जीबी, ईईए सिंचित करती है। एलएनपी लालगढ़ और सादुलशहर को पानी उपलब्ध करवाती है।
श्रीगंगानगर में लालगढ़ है तो नई दिल्ली में लाल किला। गढ़ का पर्यायवाची शब्द किला ही होता है अर्थात महल। दिल्ली एनसीआर में गुरुगांव है तो श्रीगंगानगर में सादुलशहर।
श्रीगंगानगर शहर में चार पुलिस थाने है और एक महिला थाना है। एक का नाम पुरानी आबादी, दूसरा कोतवाली, तीसरा जवाहरनगर और चौथा सदर पुलिस थाना है।
पुरानी आबादी आजादी से पहले का इलाका है। कोतवाली इलाका को पेरिस क्षेत्र कहा जाता है क्योंकि इसका निर्माण अंग्रेजी हुकूमत के समय हुआ था। जवाहरनगर थाना का निर्माण कांग्रेस के शासनकाल में हुआ। इस तरह से यह ब्रिटिश क्षेत्र हुआ क्योंकि भारत की सत्ता ब्रिटेन कांग्रेस को देकर गया था और ब्रिटेन के कॉमनवेल्थ गेम्स में आज भी भारत शिरकत करता है।
पुरानी आबादी को पी.ए. कहा जाता है। प्रेजीडेंट अमेरिका भी इसको कहा जा सकता है। प्रिंस आर्य जैसे अनेक अन्य पर्यावाची भी हो सकते है। प्राचीन अफगानिस्तान भी इसका अर्थ हो सकता है।
इतिहास में यह बताया गया है कि अफगानिस्तान से ही आर्य आये थे।
कहने को श्रीगंगानगर छोटा है किंतु छोटा को राजनीति में बड़ा कहते हैं प्रमाण के लिए विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बीजेपी को नेपाल कहा जाता है। नेपाल जहां पहाड़ हैं और अनाज के लिए उसको भारत पर निर्भर रहना पड़ता है। टैक्नोलॉजी के लिए वह चीन का सहारा लेता है। वहां पर चाइनीज मोबाइल कंपनियां ही सेवा देती हैं।
अब गंगनहर की बात करें तो यह श्रीगंगानगर में पंजाब सीमा आरंभ होते ही बिजयनगर तक सिंचाई व पेयजल सेवा उपलब्ध करवाती है, इसमें श्रीगंगानगर, सादुलशहर, श्रीकरणपुर, रायसिंहनगर और बिजयनगर तहसील क्षेत्र शामिल है।
एकीकृत जिला होने के बावजूद हनुमानगढ़ के किसी भी भाग को गंगनहर से सिंचित नहीं किया गया।
अब दूसरी नहर आती है जिसमें करीबन 12 हजार क्यूसेक पानी होता है इसको राजस्थान कैनाल कहा जाता है। यह हनुमानगढ़, रावतसर, संगरिया, सूरतगढ़, अनूपगढ़, घड़साना, रावला, बीकानेर का खाजूवाला तहसील क्षेत्र तथा जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर जिलों तक जाती है। जैसलमेर का मोहन गढ़ अब हरा-भरा इलाका हो गया है। जैसलमेर में बाबा रामदेव जी का मंदिर है। जैसलमेर में ही दोनों बार पोखरण विस्फोट हुए।
लबोलुआब यह है कि हनुमानगढ़ से लेकर जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर का इलाका उत्तरी आर्यलैण्ड है अर्थात यह रियासतें अभी भी ब्रिटिश सरकार की सम्पत्ति हैं।
जो गंगनहर का क्षेत्र है, वह स्वायत्त शासी क्षेत्र है। इसको अफगानिस्तान कहा जा सकता है जहां पर तालि बान (आरएसएस) ने बुद्धा की मूर्तियों को तोड़ दिया था।
इस क्षेत्र को कश्मीर भी कहा जा सकता है जिसका लद्दाख इलाका कश्मीर से अलग कर दिया गया और उसको स्वायत्तशासी क्षेत्र कहा जाता है।
श्रीगंगानगर से अनेक बार विधायक रहे राधेश्याम गंगा नगर कहा करते थे कि राजस्थान के बजट में श्रीगंगानगर का जिक्र नहीं होता। क्यों? वे सवाल उठाकर छोड़ देते थे। जवाब पब्लिक को देना होता था।
श्रीगंगानगर में उद्योग के नाम पर तो कुछ है भी नहीं। फिर विकास किस तरह से हो रहा है। बाजार में गेहूं और कपास की फसल के समय ही रौनक देखने को मिलती है।
राजस्थान की वित्त मंत्री और उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने 2024 के बजट में वन स्टेट वन इलेक्शन का एलान किया। 2024 में इस एलान पर काम नहीं हो पाया और अनेक नगरपालिकाओं का कार्य काल पूरा हो गया और वहां अब प्रशासनिक अधिकारी चेयरमैन की भूमिका में हैं।
वन स्टेट वन इलेक्शन से पहले 2019 चुनाव पूर्व भारत के मौजूदा पीएम नरेन्द्र मोदी भी वन नेशन-वन इलेक्शन का नारा देकर चुनाव करवाने के लिए कह चुके थे और अब सरकार ने विधेयक का मसौदा तैयार कर संसद में पेश किया है।
लोकसभा चुनाव एक समय हो रहे हैं फिर वन नेशन-वन इलेक्शन क्यों? राजस्थान में वन स्टेट वन इलेक्शन का नारा क्यों?
यह बड़े सवाल हैं। इनका उत्तर निकाला जाये तो एक देश के भीतर अनेक देश हैं। अनेक रियासतें हैं जो पर्दे के पीछे काम कर रही हैं जो चेहरा दिखाया जा रहा है वह काम ही नहीं कर रहे।
राजीव गांधी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रूप में देश चला रहे हैं। प्रमोद महाजन उद्दव ठाकरे के रूप में शिवसेना चला रहे हैं। प्रियंका गांधी कैटरीना कैफ और तब्बू बनकर फिल्मों में अभिनय कर रही हैं। माधुरी दीक्षित तमन्ना भाटिया बनकर फिल्मों में फिर से सक्रिय हैं।
जॉन सिना भारतीय फिल्मों में अक्षय कुमार के रूप में काम कर रहे हैं। करीना कपूर अमेरिका की रेसलिंग में बेला के रूप में महिला रेसलर है। और भी बहुत से चेहरे हैं जो आपको कुछ दिखाये जा रहे हैं और तांत्रिक विद्या से अलग-अलग रोल में नजर आते हैं।
आरएसएस तालिबानी भी हैं, ईरानी भी हैं और चायनीज भी हैं।
राजनीति में तांत्रिक विद्या का क्या महत्व है यह चंद्रास्वामी ने दिखाया था। वे तत्कालीन पीएम नरसिंहराव के मुख्य सलाहकार थे।
भारतीयों को भले ही तांत्रिक विद्या छल-कपट के रूप में दिखायी जाती हो, लेकिन पर्दे के पीछे यह तंत्र ही काम कर रही है।
भारतीय संविधान को कहा गया है कि वह लोक आत्मक है। लोक तांत्रिक नहीं कहा गया। लोक आत्मक अर्थात वह इस संसार की आत्मा है।
अब पुरानी आबादी को प्राचीन बुढ़ा भी कहा जा सकता है। प्राचीन बुद्धा भी। इस तरह से कई नाम इन राजनीतिक दलों ने रखे हैं ताकि वे जनता पर अपना सालों साल राज कायम रख सकें।