शियाचीन पर नजर रखने वाले बीजिंग को जो का झटका धीरे से लगा, मानवाधिकार के मामले में पहले से ही चर्चा में है शी

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बीजिंग। चीन को डोनाल्ड ट्रम्प ने चारों तरफ से घेर लिया है।

एक तरफ उन्होंने ब्रिक्स को नयी मुद्रा जारी करने के लिए चेतावनी दी है तो दूसरी ओर प्रशांत महासागर की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त बेड़े लगा दिये हैं। अब चीन से आयात होने वाले सामान पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स लगाया जायेगा। चीन की नजर शियाचीन बॉर्डर पर भी थी जो पाकिस्तान से लगता कश्मीर का सबसे ऊंचा सीमा क्षेत्र है।

चीन झिंझयांग क्षेत्र में मानवाधिकारों के मामलों में चर्चा में रहा है। वहां पर धर्म परिवर्तन जैसे आरोप अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं लगा रही हें और एक समुदाय को अपने एक विशेष निगरानी वाले केन्द्रों में रखा गया है।
दूसरी तरफ वह कश्मीर के रास्ते से शिया बहुल इस्लामी देश ईरान तक सिल्क रोड का निर्माण करना चाहता है और वह पाकिस्तान पर अपनी मजबूत पकड़ बनाये रखने के लिए शिया चीन बॉर्डर पर नजर रखे हुए है। यह कश्मीर का सबसे संवेदनशील इलाका है। पाकिस्तान ने कश्मीर का कुछ हिस्सा चीन को पूर्व में ही दिया हुआ है।

अपनी नीतियों के कारण सदैव चर्चा में रहने वाले राष्ट्रपति शी जिनपिंग को डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बड़ा झटका दिया है। इस झटके के बाद चीन की सरकारी कंपनियों को भी व्यापारिक युद्ध का सामना करना पड़ सकता है।
चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक युद्ध आरंभ हो गया है और इसमें चीन को भारी नुकसान होगा क्योंकि वह 400 बिलियन डॉलर का निर्यात अमेरिका को करता है और अतिरिक्त टैरिफ जो 10 प्रतिशत लगाया गया है, 4 फरवरी से प्रभावी होगा, से अमेरिका को हर साल कई अरब डॉलर का राजस्व बढ़ेगा।
हाल ही में ट्रम्प ने अपने देश के करदाताओं को राहत प्रदान करते हुए आयकर को समाप्त करने का एलान किया था। इनकम टैक्स समाप्त होने से व्हाइट हाउस का नया प्रशासन आयात पर अतिरिक्त टैरिफ का एलान कर चुका है।
चीन के लिए मुश्किल यह भी है कि वह भारत के अलावा अमेरिका और यूरोप को ज्यादातर निर्यात करता है। अमेरिका की नीतियों का असर अब भारत और यूरोप पर भी पड़ेगा। वह भी आयकर जैसी राहत अपने देशवासियों को देने के लिए चीन जैसे बड़े आयातक पर कर का बोझ बढ़ा सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि चीन प्रशांत महासागर की सबसे बड़ी शक्ति के रूप में स्वयं को पेश करता है और अनेक मानव निर्मित द्वीप का निर्माण भी कर लिया है जहां पर वह अपनी सैन्य शक्ति को प्रदर्शित करता रहा है। ताइवान, वियतनाम, फिलिपिंस जैसे आसियान के छोटे देश तो दूसरी ओर जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसे बड़े देश भी चाहते हैं कि चीन की बढ़ती ताकत को सीमित किया जाये।
इस बीच राष्ट्रपति शी ने कहा है कि वह व्हाइट हाउस के नये चीफ डोनाल्ड ट्रम्प के साथ नये सिरे से वार्ता करने के लिए तैयार है।
दूसरी ओर कनाडा प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा हे कि वह मैक्सिको की राष्ट्रपति के साथ वार्ता करेंगे और एक साझी नीति को तैयार करने की कोशिश करेंगे।

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