Tuesday, February 18, 2025
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डब्ल्यूएचओ के बाद ‘नाटो’ को भी छोड़ेंगे ट्रम्प

न्यूयार्क (राजनीतिक संवाददाता)। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इस समय विश्व की राजनीति को नयी दिशा दे रहे हैं। माना जा रहा है कि नयी नीतियों से अमीर-गरीब के बीच खाई को पाटने में भी मदद मिलेगी।
जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार ट्रम्प ने एलान कर दिया है कि वे शीघ्र ही नाटो से भी बाहर आ सकते हैं। नाटो बागड़ी में छोटे को कहा जाता है और इसको लिटिल स्टार के नाम से भी संबोधित किया जाता है।
नाटो में यूरोपीय देशों का समूह और अमेरिका, कनाडा शामिल हैं। ब्रिटेन भी इसका सदस्य है। अगर इस समय दुनिया को देखा जाये तो नाटो को लेकर ही रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है।
यूक्रेन का कहना है कि वह नाटो का सदस्य बनना चाहता है और रूस ने अपनी सुरक्षा चिंताओं को लेकर यूक्रेन वॉर आरंभ कर दिया।
अब डोनाल्ड ट्रम्प और ब्लादीमितर पुतिन दोनों ही इस बात पर सहमत हैं कि यूक्रेन युद्ध को बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है।
अगर अमेरिका नाटो से बाहर आ जाता है तो निश्चित रूप से नाटो का अस्तित्व ही समाप्त हो जायेगा। इससे यूक्रेन और रूस के बीच जो विवाद का मुद्दा है, वह भी सदैव के लिए समाप्त हो जायेगा।
संभव है कि पुतिन के साथ बैठक से पहले ही ट्रम्प इस तरह की औपचारिक घोषणा कर सकते हैं।
अगर नाटो का इतिहास देखा जाये तो इसने मध्य एशिया और दक्षिण एशिया को अपना निशाना बनाया है।
मध्य एशिया में ईराक की बुधिष्ट पार्टी की सत्ता को समाप्त कर दिया गया था। तत्कालीन शासक सद् दाम हुसैन पर इल्जाम था कि वे परम अणु बम बना रहे हैं। अमेरिका के नेतृत्व वाली नाटो सेना ने हमला कर दिया था और इस तरह से हुसैन को ‘फांसी’ पर चढ़ा दिया गया।
सद् दाम हुसैन का करैक्टर समाप्त होने के बाद नाटो ने अफगानिस्तान में भी हमला किया। वहां पर तालि बान की सत्ता को खत्म कर दिया गया। अब बायडेन प्रशासन अफगानिस्तान से बाहर आ गया तो तालि बान ने फिर से सत्ता संभाल ली।
एक बार फिर से अफगानिस्तान में शरिया कानून लागू हो गया और महिलाओं की बुर्काबंदी हो गयी। उनको शिक्षा से वंचित कर दिया गया ओर ड्रेस कोड भी लागू हो गया।
इस तरह से दो बड़े युद्ध नाटो ने लड़े। जिनका कोई अर्थ नहीं था और अब अमेरिका की नीतियों में भारी परिवर्तन हो रहा है।
इन कम दा एक्स से अमेरिका बाहर आ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी मदद बंद कर दी है। यूक्रेन की सहायता पर भी रोक लगा दी गयी है। सभी तरह की अंतरराष्ट्रीय मदद पर 6 माह के लिए रोक दिया गया है।
ट्रम्प प्रशासन ने संवेदनशील सूचनाओं से ब्यूरोक्रेसी को भी बाहर कर दिया है। अब कम्प्यूटर पर मौजूद संवेदनशील सूचनाओं की पहुंच ट्रम्प और उनके नजदीकी एलन मस्क आदि के पास ही रहेगी।
हजारों अधिकारियों को 30 सितंबर तक सवैतनिक अवकाश दे दिया गया है। अब नाटो से बाहर आना राजनीति के एक नये सूत्रपात होगा।

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