Tuesday, February 18, 2025
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नरेन्द्र मोदी अपने मंत्रियों की ही बलि क्यों लेते रहे?

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिनके उद्घोष ऐसे होते हैं, कि वे कलयुग में एक महापुरुष हैं। देश को झुकने नहीं दंूगा, देश को बिकने नहीं दूंगा। जिनको कोई नहीं पूछता उनको मोदी पूजता है। जैसे अनेक ऐसे उद्घोष हैं।
भारत देश को देखा जाये तो सिरसा वाले डेरा मुखी गुरमीत सिंह ने स्वयं को दशम पातशाही की वेशभूषा में प्रस्तुत किया और लोगों को अमृतपान करवाया। उस डेरा मुखी ने स्वयं को भगवान का अवतार बताया और सभी कलाओं में स्वयं को निपुण बताया। आखिर में उन पर रेप और मर्डर के आरोप अदालत में प्रमाणित हो गये। अदालत ने उनको सजा सुनायी। अब वही डेरा मुखी जब भी किसी राज्य में चुनाव होता है तो चुनावों को प्रभावित करने के लिए जेल से पैरोल पर छूट जाते हैं या छोड़ दिये जाते हैं।
इसी तरह से राधा स्वामी डेरा प्रमुख ने भी स्वयं को एक देवता के रूप में पेश करते हुए अपनी फोटोज को घर-घर में लगवाकर पूजा करवायी। जबकि उन पर शैल कंपनियों के संचालन आदि के आरोप थे। इससे भारतीय मुद्रा को इधर-उधर हवाला के जरिये किया जाता है अर्थात वे सीधे तौर पर हवाला से जुड़े हुए हैं।
इनकी फोटो भी प्रधानमंत्री के साथ दुनिया के सामने आ चुकी है।
इससे पहले आशा राम बापू ने स्वयं को ईश्वर का अवतार बताकर अपनी पूजा करवायी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इसी कड़ी में शामिल हो गये और अपने मंदिर बनवाये। अपने नाम पर स्टेडियम का निर्माण करवाया और 2024 के चुनावों में स्वयं को अवतारी पुरुष भी घोषित कर दिया।
अब उन्हीं प्रधानमंत्री की कुछ जानकारियां सामने आयी हैं, जिन्हें शेयर किया जाना आवश्यक है।
उन्होंने अपने प्रथम कार्यकाल में कर्नल राज्यवद्र्धनसिंह राठौड़ को युवा और सूचना प्रसारण मंत्रालय की जिम्मेदारी दी। दूसरे कार्यकाल में यह जिम्मा अनुराग ठाकुर को दिया।
देश को झुकने नहीं दूंगा, देश को बिकने नहीं दूंगा, गरीब को हवाई यात्रा करवाई जायेगी, जैसे अनेक नारे देने वाले प्रधानमंत्री के समक्ष उस समय परीक्षा आयी तो वे पूरी तरह से फेल हो गयी।
जयपुर और अहमदाबाद जैसे एयरपोर्ट निजी गु्रप को देकर उन्होंने बता दिया कि वे राजस्थान और गुजरात का हवाई क्षेत्र अब अडाणी गु्रप का हो गया।
अब यह निजी क्षेत्र लोगों पर नजर रखता है, उनकी मानसिक स्थिति, शारीरिक स्थिति पर हरपल नजर रखता है। एक होटल या चेंजिंग रूम में कैमरा पकड़ा जाता है तो शोर मच जाता है जबकि प्रधानमंत्री का निजी सैक्टर तो प्राइवेसी को भी अपने कैमरों में उपग्रह की मदद से कैद कर रहा है। इसको आगे शेयर किया जा रहा है।
वहीं एक धार्मिक संस्थान का अखबार निकलता था। इसको देश की मर्यादा के रूप में भी जोडक़र आरएसएस अपना संगठन चलाता रहा है।
उसी आरएसएस की सरकार के काल में धार्मिक संस्थान के संत अपने समाचार पत्र के लिए सरकारी कार्यालय में जाते हैं तो उनको प्रवेश तक नहीं करने दिया जाता।
यह दो बार हुआ। प्रथम कार्यकाल में कर्नल राज्यवद्र्धनसिंह राठौड़ को केन्द्र की राजनीति से विदा कर दिया गया तो दूसरे कार्यकाल में अनुराग ठाकुर।
राज्य वद्र्धनसिंह ने तो इंडिया फिट के नाम से मुहिम भी चलायी और प्रधानमंत्री ने भी अपने दोनों हाथ ऊपर की दिशा में जोडक़र विडियो सोशल मीडिया पर जारी किया।
दूसरी बार अनुराग ठाकुर के काल में भी हुआ, हालांकि ठाकुर ने बाद में निजी रुचि लेकर वह काम करवा दिया।
जो जिम्मेदारी कैबिनेट की थी क्या वह पीएम की नहीं थी। सच यह है कि सरकार के पास अगले सात दिन तक का मौसम कैसे रहेगा। किस क्षेत्र में क्या रोग होगा, इसकी पूरी जानकारी होती है।
इसके बावजूद प्रधानमंत्री ने रुचि नहीं ली और दुनिया तक अपनी आवाज पहुंचाने वाले संत महाराज को कड़ी गर्मी में एक हनुमान जी के मंदिर में शरण लेनी पड़ी। कई घंटों तक।
यह पहला मौका नहीं है जब अटल बिहारी वाजपेयी सरकार थी तो उस समय भी बाटला हाउस कांड सामने आया था।
यह मामला भी उससे मिलता जुलता था। इसको बाद में सरकार ने अपनी एक कमजोरी के रूप में तो स्वीकार किया किंतु समय पर राहत देने के लिए प्रयास नहीं किये।
देश के संविधान का अगर पूर्व में अपमान होता था तो उस समय आतंकवादी घटना के रूप में इसको प्रदर्शित किया जाता था और देश में कहीं न कहीं बम विस्फोट के समाचार को प्रकाशित करवाया जाता था। पाकिस्तान पर इसकी जिम्मेदारी डाल दी जाती थी।
आईएसआई को जिम्मेदार ठहराया जाता था। लोगों में भय पैदा किया जाता। अनेक बम विस्फोट हुए जयपुर सिरियल ब्लास्ट, बाटला कांड, बेंगलुरू बैकरी विस्फोट इसको इस तरह से टीवी पर भी पेश किया जाता कि जैसे लाइव कवरेज चल रही हो।
राजीव गांधी जब प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने अपने मित्र मि. पुरी को इंडिया टूडे मैग्जीन आरंभ करवायी थी जो अब आज तक चैनल का प्रसारणकर्ता भी हैं। अब मि. पुरी को ही क्यों चुना गया क्योंकि वे एक जाति विशेष से थे और आज तक उन्होंने अपनी जाति के लिए क्या किया, कोई जवाब नहीं है उनके पास। अब नरेन्द्र मोदी के रूप में भी राजीव गांधी आज तक के हर बड़े कार्यक्रम में जाते हैं। यह चैनल पहला है जिसके पास स्वयं का हैलीकॉप्टर भी है।
नरेन्द्र मोदी को नमो ब्रांड बनाने में इस चैनल और मैग्जीन की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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