Breaking News

भारत में स्वामी रामदेव तो अमेरिका में मोहम्मद खलील, ट्रम्प ने आतंकवादी घोषित किया, हमास का साथी बताया

श्रीगंगानगर। निकले थे राम प्राप्ति के मार्ग में, रास्ते में मोदी जी मिल गये और कार्पोरेट बनता चला गया। यह पंक्तियां उस व्यक्ति के लिए सटीक बैठती हैं, जो जैसलमेर के नाम पर व्यापार करते हुए बड़ा उद्योगपति बन गया।
शुरुआत करते हैं 2014 से। हालांकि इससे पहले रामदेव स्वामी नाम का एक योगाचार्य हुआ करते थे। उन्होंने अन्ना हजारे आंदोलन में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करायी और फिर स्वयं ही हजारे बनने के लिए धरना आरंभ कर दिया। हालात यह हुई कि रात को पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया और इस व्यापारी बाबा को सलवार-कमीज में भाग जाना पड़ा।
गुजरात से नरेन्द्र मोदी दिल्ली आ गये और प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने के साथ ही वे गौतम अडाणी को साथ लाये थे। उनके साथ रामदेव योगाचार्य भी जुड़ गये। शाह उनके साथ पहले से ही थे और अनिल अम्बानी-मुकेश अम्बानी ब्रदर्स तो पहले से ही भाजपा की विरासत को संभाले हुए थे।
अब मित्रों को करोड़पति, अरबपति, खरबपति बनाने का खेल आरंभ हुआ। योग को एंटेनियो गुटरेस ने यूएन के शैडयूल में शामिल कर लिया और इस तरह से योग के नाम पर लोगों को जागरुक करने का काम आरंभ हुआ।
यहीं से ही रामदेव जो छद्म रूप धारण किये हुए हैं और पेप्सी कॉ का विरोध करने के नाम पर लोगों के सामने आये थे। कार्पोरेट का विरोध करते हुए उन्होंने अपना एक अलग समूह बना लिया जो आज एक लाख करोड़ या दो लाख करोड़ या इससे भी अधिक बड़ा घराना है।
लोगों को हृदय, शुगर आदि रोगों से सदैव छुटकारा दिलाने के नाम पर हरिद्वार में विस्तारीकरण किया और टीवी पर लाखों लोगों को अपने साथ जोड़ लिया। इस तरह से एक घराने को स्थापित करने की शुरुआत हुई। 2018 में लगभग तय हो गया था कि मोदी जी रिपीट नहीं कर रहे हैं तो उस समय योगाचार्य ने गांधी परिवार के गीत गाने आरंभ कर दिये। यहीं से मोदी ने संविधान में संशोधन कर दिया और परम अणु क्षेत्र को अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया। इस तरह से कब्जाधारी होकर उन्होंने 2019 में वापिसी कर ली। हालांकि इससे पहले वे मस्जिदों के यहां जाने लगे थे, जबकि इससे पहले उन्होंने टोपी पहननी ही बर्दाश्त नहीं की थी।
अब इस जोड़ी का खेल देखिये कि स्वामी रामदेव योगाचार्य से किस तरह से व्यवसायी और बड़े उद्योगपति बनते चले गये।
अगर आज चर्चा करते तो उनके पास पंतजली आयुर्वेद, पतंजली फूड्स, पंतजली रिन्यूबेल एनर्जी, हाइब्रिड बीज या हार्बोवेद, एडवांस नैवीगेशन सेंटर, सोलर इंडिस्ट्रीज और पंतजली विश्वविद्यालय शामिल है।
अब इनकी दो कंपनियों की ही बात करें तो पंतजली फूड्स और सोलर क्षेत्र की तो हैरानीजनक तथ्य सामने आते हैं। पंतजली फूड्स का शेयर 1749.40 रुपये पर है और पिछले पांच सालों के भीतर करीबन 709 रुपये प्रति शेयर की बढ़ोतरी हुई है।
अब दूसरा शेयर सोलर बाजार का देखें तो सामने आता है, इसके शेयरों में 20 हजार प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। फरवरी 2016 में यह शेयर मात्र 6 सौ रुपये के आसपास था। 2021 में 1072 रुपये का था। अब यहां से रफ्तार पकड़ी आज इसके भाव 9 हजार 678 रुपये प्रति शेयर हैं।
इस तरह से मात्र चार सालों या यूं कहें कि बाइडेन-कमला हैरिस प्रशासन के समय में इसके दामों में 8 हजार रुपये प्रति शेयर की बढ़ोतरी को दर्ज किया गया।
अब एक भगवाधारी को बिजली बनाने की आवश्यकता क्यों पड़ गयी। यह सनातन धर्म की आवश्यकता कहां से हो गयी। सौर क्षेत्र के साथ उपग्रह क्षेत्र में सैटेलाइट स्थापना का क्या उद्देश्य है।
इस तरह से परिधान, सौंदर्य आदि के क्षेत्र में अनेक कंपनियां इस भगवाधारी की हैं।
कभी ये सर्वधर्म की बात करते हुए मुस्लिम धर्म गुरुओं के साथ होते हैं तो कभी राम नाम की धुन बजा रहे होते हैं।
अब डोनाल्ड ट्रम्प को उन्होंने सनातन धर्म विरोधी करार दिया है तो डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका में उनकी ली गयी नागरिका की जांच की तो पता चला कि वे वहां पर मोहम्मद खलील के नाम से हैं। अब दोहरी नागरिकता के लिए उन्होंने अपना धर्म भी बदल लिया।
ट्रम्प ने इस भगवाधारी उर्फ मोहम्मद खलील को आतंकवादी घोषित कर दिया है। इससे एक बड़ी बहस आरंभ हो सकती है और ट्रम्प इस भगवाधारी के प्रत्यर्पण की भी मांग कर सकते हैं क्योंकि फर्जी दस्तावेज को असल के रूप में प्रयोग करते हुए बड़ा अपराध कारित किया।
ट्रम्प ने कार्यकारी आदेश जारी करते हुए स्वामी रामदेव उर्फ खलील मोहम्मद को हमास का सहयोगी बताया है और इसको आईईसी के संगठन को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।
इस कार्यवाही के बाद भारत के दूसरे बड़े राजनीतिक दल की मुसीबतों में भी इजाफा हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *