श्रीगंगानगर। जब इस संवाददाता का जन्म हुआ था, तो उस समय पंडित जी ने कहा था, बालक भीम की तरह बलशाली होगा, इस कारण इनका नाम ही भीम रखा जाता है। कुछ समय उपरांत किसी कारण से नाम बदलकर सतीश और बिट्टू कर दिया गया।
इसी तरह से किसी भी वस्तु और पदार्थ या अन्य का नामकरण किया जाता है तो उस समय उसके पीछे एक लॉजिक होता है और लॉजिक ही उसका आधार बनाया जात है।
अब शेयर ट्रेडिंग का काम जोरों पर चल रहा है। जिसके पास निवेश के लिए धन है, वह तुरंत ट्रेडिंग पर जोर लगायेगा और देश में इस समय लाखों की तादाद में ट्रेडिंग सैंटर हैं।
यह ट्रेडिंग सैंटर शेयर खरीद-फरोख्त का कार्य करते हैं। अगर इसको गंभीरता से समझा जाये तो इसका नाम शेयर क्यों रखा गया। अब आम आदमी यह सोचता है कि कंपनी के हिस्से के शेयर वह खरीद रहा है और वह कुछ समय उपरांत बेचकर मुनाफा कमा लेगा।
अब शेयर का अर्थ क्या होता है? आपको पता है कि अगर आप शेयर की खरीद फरोख्त करते हैं तो इसका अर्थ हो जाता है कि आप रक्त के व्यापार में शामिल हो गये हैं। आपको पता भी नहीं कि कब आपको नॉनवेज से नरभक्षी बना दिया गया।
शेयर को डीकोड किया जाये तो सामने आता है एबीपी। एबीपी न्यूज का नाम भी रख दिया गया है। पहले स्टार न्यूज था, जिसका नाम बदल दिया गया।
अब एबीपी का अर्थ हो जाता है, In a medical context, “ABP” typically stands for “ambulatory blood pressure”, referring to the non-invasive, 24-hour monitoring of a patient’s systolic and diastolic blood pressure.
इस तरह से रक्त के व्यापार या बीपी का रोगी आप बन जाते हैं और यह वह संक्रमण रोग है जिसका कीटाणु शेयर के माध्यम से आम आदमी के बीच में पहुंचता है और सभी को प्रभावित करता है।
इस सच्ची घटना को आनंद के अंदाज में नजरांदाज किया जाना आसान नहीं है। यह काफी मेहनत के बाद तैयार किया गया फल है।
बीएसएनएल पांच जी के जमाने में 4 जी की सेवाएं क्यों लाया?
श्रीगंगानगर। भारत में जहां अभी तक 5 जी की सेवाएं पूरे देश में आरंभ नहीं हो पायी है। सरकार के स्वामीत्व वाली बीएसएनएल तो राजस्थान प्रदेश में ही 4 जी सेवाएं ही आरंभ नहीं कर सकीं। बीएसएनएल 3 जी सेवाएं प्रदान कर रहा था और देश में 5जी की सेवाएं आरंभ हो चुकी थीं तो उस समय 4 जी सेवाओं के लिए उपकरण की खरीद का क्या औचित्य रहा?
अगले कुछ माह के भीतर जापान जी-7 लेकर आ रहा है। वह पूरी तैयारी कर रहा है और उनका नेटवर्क अब परीक्षण के स्तर पर पहुंचने की संभावना जतायी जा रही है। जापान नयी तकनीक लाने वाला संभवत: पहला देश होगा क्योंकि अभी तक 6 जी की चर्चा ही नहीं हो रही है और जापान ने 7 जी की पूरी तैयारी कर ली है।
सरकारी कंपनी बीएसएनएल 4 जी सेवाएं अभी तक पूरे देश में चालू नहीं कर पायी है। यह सरकारी संस्था को प्राइवेट हाथों में सौंपे जाने की एक साजिश हो सकती है। डिजीटल मीडिया बताता है कि राजस्थान में ही 4 जी सेवाओं का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है।
अब जब देश में 5 जी तकनीक आ चुकी थी तो उस समय 4 जी को लाये जाने का क्या औचित्य था?
वहीं प्राइवेट सैक्टर की दो बड़ी दिग्गज कंपनियां एयरटेल और जीयो स्टार लिंक के साथ टाइअप कर रहे हैं। स्टार लिंक एक प्राइवेट कंपनी है तो दूसरी ओर भारत गणराज्य की अर्थव्यवस्था दुनिया में ‘पांचवें’ नंबर पर है। इसके बावजूद भारत ऐसा उपग्रह क्यों नहीं खरीद पाया या तैयार कर पाया कि वह सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवाओं को बिना फाइबर के दुनिया भर तक पहुंचा सके।
यह भारत सरकार की लापरवाही है या बड़ी साजिश। सरकारी कंपनी अगर बीएसएनएल के पास सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं हो तो वह टावर वाली तकनीक से अलग तथा बिना फाइबर के दूरस्थ इलाकों तक अपनी सेवाएं पहुंचा सकता है।
इससे लाखों करोड़ रुपये की बचत हो सकती थी। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। स्टार लिंक के मालिक को अमेरिका के व्हाइट हाउस में अक्सर देखा जाता है। वहां वे अपने बच्चों की फौज के साथ जाते हैं। उनका मालिक हाल ही में नरेन्द्र मोदी से भी मिला था और अमेरिकन फ्लैग का इस्तेमाल किया था।
अमेरिका अवैध प्रवासियों को वापिस भेजेगा
न्यूयार्क। अमेरिका अवैध प्रवासियों को वापिस भेजने के कार्य में तेजी लायेगा। ट्रम्प प्रशासन के नजदीकी ने इस बात की पुष्टि की है कि करोड़ों लोगों को उनके देश में वापिस भेजा जाना है और इस काम में तेजी की आवश्यकता होगी।
वहीं एक माह के भीतर डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने विदेश दूत तुलसी गैबार्ड को इंडिया भेजा है। गैबार्ड हिन्दी भाषा की भी जानकार हैं और भारतीय मूल की हैं। इस कारण वे इंडिया रिपब्लिकन कंट्री के पीएम को उनकी भाषा में आसान शब्दों में समझा सकेंगी।
पिछले माह ही तो प्रधानमंत्री अमेरिका गये थे और एक माह के भीतर ही तुलसी गैबार्ड को वापिस भेजा गया है। गैबार्ड का कद आंतरिक और विदेश मंत्री के समकक्ष या उनसे ऊपर के रैंक का ह क्योंकि उन्होंने 29 संस्थाओं का चार्ज लिया है जो खुफिया जानकारी हासिल करने का कार्य करती हैं।