श्रीगंगानगर। अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जिस तरह से खलबली मचायी हुई है और एक के बाद नये टैक्स लगाये हैं, इससे अमेरिका के आईटी सैक्टर में हडक़म्प मचा हुआ है। अब आईटी एक्सपर्ट को चीन एक गंतव्य नजर आ रहा है।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने लोहे और इस्पात से बनने वाले सभी प्रकार के हथियार, नट-बोल्ट आदि पर 25 प्रतिशत टैरिफ दुनिया भर में लागू कर दिया है। इस घटना के बाद आईटी सैक्टर में आग लगी हुई है और 450 लाख करोड़ से ज्यादा की धनराशि अमेरिका के शेयर मार्केट से गायब हो गयी। यह राशि भारत के 10 साल के कुल बजट के बराबर है।
इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि हालात किस प्रकार अमेरिका में खराब हो चुके हैं।
अब शराब पर 200 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान है। पहले टैक्स सिर्फ अमेरिकी देशों मैक्सिको, कनाडा पर लागू किया था, इसका विस्तार करते हुए भारत, चीन, यूरोप आदि को भी शामिल कर लिया।
450 लाख करोड़ गंवा चुके टॉप 10 आईटी सैक्टर के खिलाड़ी जिसमें सभी प्रमुख कंपनियों गूगल, टेस्ला, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन आदि हैं, को फिर से गत दिवस झटका लगा।
गत दिवस ही करीबन 40 लाख करोड़ रुपये का नुकसान आईटी सैक्टर को हुआ है। गौतम अडाणी फायदे में रहे हैं। उनको कई मिलियन डॉलर का लाभ हुआ है। वे भारत से हैं।
इस तरह से 500 लाख करोड़ रुपये गंवा चुके आईटी सैक्टर को अब भारत-चीन उचित मंच नजर आ रहा है। भारत के पीएम नरेन्द्र मोदी तो व्हाइट हाउस जाकर एलन मस्क के गल्लू-पल्लू को खिलाते हुए भी नजर आये थे। मस्क के पास बच्चों की बड़ी फौज है।
आईटी सैक्टर जो अमेरिका में रहकर कुछ नहीं कर पा रहा था अब वह चीन की ओर भाग रहा है। चीन में रहकर उसको लग रहा है कि वह आजादी से कार्य कर सकता है। आजादी का अर्थ यहां पर अलग प्रकार से परिभाषित होता है जो संकेत से समझा जा सकता है।
भारत सरकार की उज्ज्वाला योजना, पीएम अ वास योजना, किसान बीमा योजना और जन-धान योजना जैसी अनेक योजनाएं हैं, जिन पर किसान और अन्य संगठन सवाल उठा रहे हैं लेकिन इसके बावजूद खुफिया एजेंसियां कोई बड़ी घटना का चित्रण नहीं कर पायी है, जिससे पता चल सके कि देश की संसद में बैठे राजनीतिक जेहादी किस प्रकार देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं। एजेंसी के किरदार अब रिटायरमेंट के बाद की लाभ की स्थिति के बारे में सोच रहे हैं क्योंकि सरकार अब राज्यपाल, मंत्री बनाने आदि की योजना भी लाँच कर चुकी है। अजय कुमार भल्ला इसके गवाह हैं। राज्यसभा में बैठे पूर्व सीजेआई रंजन गोगाई, अमित कुमार मिश्रा भी प्रमाण हैं।
एलन मस्क की एंटी अगर भारत में होती है तो यह इस बात का सूचक होगा कि आने वाले दिनों में एलन मस्क की आबादी ही नहीं बढऩे वाली बल्कि सूर्यवंशी बच्चों जिनको राजनीतिक भाषा में आईसीज बोला जाता है, पर भी खतरा बढ़ जायेगा।