न्यूयार्क। इस समय अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का वह बयान चर्चा का विषय बना हुआ है, जो पूर्व राष्ट्रपति बाइडेन के ऑटोपेन को लेकर है। इसमें अनेक जनों को क्षमा प्रदान कर दी गयी। राष्ट्रपति ट्रम्प अब इस संबंध में जांच करवाना चाहते हैं।
ऑटोपेन का यहां अर्थ यह है कि उनको नहीं पता लगा कि उनके हस्ताक्षर किन लोगों ने कर दिये। इस तरह से सीधा हमला व्हाइट हाउस की दूसरी हस्ती कमला हैरिस को लेकर सामने आया है।
कमला हैरिस वह उपराष्ट्रपति रही हैं जो ब्लैक+इंडियन चेहरे के रूप में व्हाइट हाउस तक पहुंचीं थीं। उनको पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का सीधा समर्थन प्राप्त था। इस तरह से उनको चुनाव मैदान में भी उतारा गया और वे ट्रम्प से पराजित हो गईं।
हैरिस इस तरह से फिर से चर्चा में हैं और राष्ट्रपति ने एक उच्चस्तरीय जांच भी प्रस्तावित की है जो ऑटोपेन को लेकर होगी।
हैरिस और एलन मस्क का बाइडेन-कमला प्रशासन के समय मजबूत रिश्ता रहा है और यही कारण है कि एक साधारण ईवी मार्केट का व्यापारी जिसके पास 2021 में मात्र 20 बिलियन डॉलर की सम्पत्ति थी, वह इस समय 330 बिलियन डॉलर का मालिक है।
बाइडेन के कार्यकाल में इतनी जबरदस्त बढ़ोतरी मस्क की सम्पत्ति में हुई जो करीबन 300 लाख करोड़ रुपये करीब हो जाते है।
पिछले कुछ दिनों के भीतर उसकी सम्पत्ति में 10 लाख करोड़ रुपये की कमी भी आयी है। इस तरह से यह नहीं कहा जा सकता कि कमला हैरिस के समय उनका रिश्ता कुछ खास था। कमला जिम्बाब्वे मूल के हैरिस की संतान है और उसका पड़ोसी देश दक्षिण अफ्रीका है, जहां का बाशिंदा एलन मस्क है।
मस्क के डोग ए कार्यक्रम को लेकर यूएसए में अफरा-तफरी मची हुई है। किंतु राष्ट्रपति ट्रम्प उस पर नियंत्रण नहीं रख पा रहे हैं। व्हाइट हाउस हो या एयर फोर्स वन दोनों ही स्थानों पर मस्क की आसानी से एंट्री है। बिना जांच के मस्क जब चाहे व्हाइट हाउस पहुंच सकता है।
व्हाइट हाउस की व्यवस्थाओं को एक प्रकार से प्रसंग का विषय बना दिया गया है।
अब कमला हैरिस के साथ भी उनका रिश्ता था और ट्रम्प के समय भी आसानी से व्हाइट हाउस में एंट्री है। इस प्रकार डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन दोनों में ही उसकी खास अहमियत हो गयी है।
विवेक रामास्वामी ने एच 1 वी वीजा में बदलाव के लिए कहा था किंतु मस्क ने इसमें बदलाव नहीं होने दिया और इस विवाद में रामास्वामी डोग ए को छोडक़र चले गये। यह वह वीजा है, जो दुनिया से आधी समस्या का समाधान कर सकता है। इसमें बड़े बदलाव की आवश्यकता काफी समय से महसूस हो रही है क्योंकि चायनीज लोगों ने अमेरिका के आईटी सैक्टर पर कब्जा किया हुआ है।
हालात यह है कि इस समय दुनिया में मस्क की ज्यादा चल रही है। राष्ट्रपति इसी कारण एक बार फिर से पाक सहित कुछ अन्य इस्लामिक देशों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। यह एक बड़ा खेला होबे कार्यक्रम है, जो मस्क के इशारे पर किया जा रहा है और मस्क को इशारा उसके नजदीकी मित्र दे रहे हैं। इस तरह से मस्क को आसान शर्तों पर आंध्र प्रदेश में जमीन मिल रही है। जियो और एयरटेल के साथ अनुबंध के तहत भारत में मस्क के स्टार लिंक की एंट्री हो रही है।
यह सब बहुत कुछ है जो दुनिया को समझने की आवश्यकता है। बिहार में चुनाव है। वहां पर हिन्दु-मुसलमान एक बड़ा मुद्दा बनता है। अगर पाकिस्तान को अमेरिका में बैन कर दिया जाता है तो इसका सीधा लाभ आरएसएस को मिलेगा। मोदी-शाह को मिलेगा। यह जोड़ी पाकिस्तान के नाम पर लोगों को एक बार पुन: अपनी आरे आकर्षित करेगी। इसी तरह का हाल पश्चिम बंगाल का भी है।
वहां से ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनावों में तो शाह एण्ड पार्टी को खदेड़ दिया था।