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अमेरिका ने सैन्य सॉफ्टवेयर से जुड़े मामलों की आपूर्ति को रोका

न्यूयार्क। अमेरिका यूरोपीय यूनियन और मोदी सरकार के खिलाफ व्यापक निर्णय ले रहा है। इसी के तहत ही सैन्य सॉफ्टवेयर से जुड़े सौदों को भी रद्द कर दिया गया। यह रक्षा सौदे 800 मिलियन यूएस डॉलर के थे। यह सौदे 58 हजार करोड़ डॉलर के अतिरिक्त थे। इन सभी सौदों को रद्द कर दिया गया है।
अमेरिका में बदलाव का दौर चल रहा है। रूस ने युक्रेन युद्ध के कारण तीन सालों से हथियारों की बिक्री को कम किया हुआ है। इस कारण पूरी बागडोर अमेरिका के कंधों पर थी। भारत, यूरोप सहित अनेक देशों ने अमेरिका को रक्षा विभाग से संबंधित सॉफ्टवेयर के ऑर्डर दिये हुए थे। इन सौदों को रद्द करने के आदेश स्वयं पीट हेगसेथ ने दिये।
पेंटागन की इस कार्यवाही के उपरांत हडक़म्प मच गया है। सुबह ही समाचार आ गया कि ही थ्रो हवाई अड्डे पर भीषण आग लग गयी है और सभी सेवाओं को निलम्बित कर दिया गया है। फिर समाचार दिया गया कि आग एक बिजली घर में लगी थी जो 5000 से ज्यादा घरों और हवाई अड्डे को सेवाएं प्रदान करती थी।

भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भी रात को हुआ था, शटडाउन आदेश भी
श्रीगंगानगर। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रात और उजाले के बीच के समय में हुआ था। उस समय आधी दुनिया सो रही थी। उसी तरह से अमेरिका का एज्युकेशन विभाग बंद करने का आदेश भी देर रात करीबन दो बजे लिया गया। यह भी उजाले की ओर कदम बढ़ा रही रात का समय था।
अमेरिका में 70 प्रतिशत बच्चे ऑटिज्म के शिकार हैं। इसको इस तरह से भी पढ़ा जा सकता है कि वे सूर्यवंशी हैं। ऐसे बच्चों को स्कूली पढ़ाई रास नहीं आती है क्योंकि जिस स्थान से वे पढऩा चाहते हैं, उस स्थान से पढ़ाया ही नहीं जाता। इसको ऑटिज्म शिकार कहा जाता है। पीके फिल्म, तारे जमीन पर सहित अनेक फिल्में इस विषय पर आयी हैं।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत के समयानुसार रात करीबन 2 बजे व्हाइट हाउस के उस कक्ष में पहुंचे, जहां पर ऑटिज्म बच्चों को बैठाया गया था। इन बच्चों के बीच में बैठकर उन्होंने शिक्षा विभाग को समाप्त करने और उसको तत्काल बंद करने के आदेश जारी कर दिये। इस ऑटिज्म बीमारी के कारण बच्चों का काफी मुश्किल आ रही थी।
ऑटिज्म के कारण बच्चे स्पैशल चाइल्ड हो जाते हैं। उनके स्कूली नंबर कम आते हैं और इस कारण हीनभावना के भी शिकार हो जाते हैं। अब शिक्षा विभाग और चिकित्सा विभाग का आपस में क्या अर्थ है तो यह जानकारी भी जरूरी है कि अमेरिका के पेंशनर्स विभाग में 200 साल से भी अधिक आयु वाले व्यक्तियों की रजिस्टर्ड संख्या लाखों में है।
भारत सरकार के पेंशन विभाग के अंतर्गत ही सीबीआई कार्य करती है। इस तरह से आप नहीं सोच सकते कि राजनीति में क्या और क्या नहीं हो सकता।

पंजाब के बाद उड़ता श्रीगंगानगर, जगह-जगह नशे की बिक्री
श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर में करीबन 20-22 साल पहले मादक पदार्थ से भरा ट्रक श्रीकरणपुर थाना इलाके में कस्टम विभाग ने पकड़ा था। इस संबंध में आज तक मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है।
जो जानकारी सामने आयी है, उसके अनुसार श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ में गली-गली में नशा बिक रहा है और इस नशे के व्यापार में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
जनप्रतिनिधियों के नजदीकी स्वयं पर्दे के पीछे रहकर नशा बिकवा रहे हैं। अगर 2005-06 की बात करें तो उस समय मटीली राठान और जवाहरनगर थाना इलाका कुख्यात था। कारण यह था कि दोनों ही इलाकों में सरेआम नशा बिकता था और पुलिस कार्यवाही नहीं कर पाती थी।
तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सौरभ श्रीवास्तव ने मटीली राठान में एक के बाद एक अनेक छापेमारी की और उस गांव को नशा मुक्त करवा दिया। शराब बिकती थी लेकिन चोरी-छीपे। इस गांव के ही एक व्यक्ति ने बताया कि अब गली-गली में नशा बिक रहा है।
दूसरी ओर जवाहरनगर थाना इलाके के छजगरिया बस्ती का भी वही हाल है। यहां पर भी नशे का कारोबार होने की जानकारी सामने आ रही है। पूर्व में यहां पर निरंतर छापेमारी हो रही थी तो यह इलाका भयमुक्त हो गया था।
हनुमानगढ़ में तो एक जनप्रतिनिधि का रिश्तेदार पकड़ा गया था और उसने बताया कि उसने कई किलो हेरोइन जो पंजाब पहुंचा दी थी। बॉर्डर क्रॉस करके हेरोइन आ रही है।
बॉर्डर की सुरक्षा का जिम्मा बीएसएफ अर्थात गृहमंत्रालय का भी है लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। प्रशासन, पुलिस, आर्मी, बीएसएफ, आईबी सब इस क्षेत्र में सक्रिय हैं लेकिन जानकारी होने के बावजूद हेरोइन की तस्करी को नहीं रोका जा पा रहा है।
वहीं करणपुर में दो दशक से भी पूर्व एक ट्रक पकड़ा गया था। इस मामले की जांच कस्टम विभाग के पास है। एक कस्टम अधिकारी का कहना है कि वे अमृतसर अनेक बार जाकर आये हैं लेकिन आरोपित को पूर्व में ही सूचना मिल जाने के कारण संभव नहीं हो पा रहा है।

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