श्रीगंगानगर। भारत में यह कैसी सरकार रही है? उन अधिकारियों को सम्मानित किया गया, जिनकी पत्रकार पर जानलेवा हमले में जिम्मेदारी परोक्ष-अपरोक्ष रूप से रही थी।
गत 1 मई 2018 को पत्रकार सतीश बेरी पर हमला हुआ। हमला इतना भयावह था कि एक दर्जन से ज्यादा स्थानों से हड्डियां टूट गयी थीं। हमले से पहले ही पत्रकार ने पुलिस अधीक्षक को दो बार अवगत करवाया। मोबाइल के जरिये और एक पत्र के जरिये भी।
तत्कालीन एसपी हरेन्द्र महावर ने प्रार्थना पत्र मिलने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की। हमला हो गया। इसके बाद उसी एसपी को दिल्ली में फिक्की ने सम्मानित किया जिसने पत्रकार पर हमले और उसके खिलाफ अत्याचार करने वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की थी।
सम्मानित करने वालों में विजय गोयल और रविशंकर प्रसाद शामिल थे। यह दोनों भाजपा के मिनिस्टर थे और रविशंकर प्रसाद टेलीकॉम मंत्रालय देख रहे थे।
अब टेलीकॉम मिनिस्टर का कहना है कि उन्होंने इस कार्यक्रम में शिरकत प्रधानमंत्री नरेनद्र मोदी के कहने पर की थी। उन्होंने मोदी की फोटो की ओर इशारा करते हुए पहली बार संवाददाता के सामने आकर यह स्वीकार किया।
वहीं मोदी स्वयं पैर चोड़ा कर चलने लगे थे, जैसे एक हमलावर चलता था। उसी तरह से वे दिखाना चाहते थे कि हालात इस तरह के हैं। पीएमओ ने पत्रकार की कोई मदद नहीं की और अमेरिका से मदद मांगने पर अगले दिन ही हालात बदल गये। अधिकारियों को बदल दिया गया।
अब सरकार ही जब खेत को खाने लगेगी तो उसको बचाने कौन आयेगा।