न्यूयार्क। ईरान ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है जिसमें सीधी बातचीत का प्रस्ताव किया गया था। वहीं अपनी मिसाइलों को भी बैरिक में फिट करना आरंभ कर दिया है। यह समाचार तो पॉलिटिकल एंगेल से है।
वहीं सीधा समाचार यह है कि क्या अमेरिका और भारत गणराज्य पहली बार आमने-सामने युद्ध के मुहाने पर पहुंच गये हैं? अगर इस प्रश्न के उत्तर को तलाश किया जाये तो सामने आता है, जी हां। दोनों देश धीरे-धीरे युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं।
दूसरी ओर गृह मंत्रालय ने म्यांमार के साथ चिपते राज्यों नागालैण्ड, मणिपुर आदि राज्यों में विशेष सशस्त्र बिल अधिनियम को भी लागू कर दिया है। यह अधिनियम सशस्त्र बलों को सीधे गोली मारने का अधिकार देता है।
इस तरह से पर्दे के पीछे खिचड़ी पकायी जा रही है। म्यांमार में जो भूकम्प आना बताया गया है, वह यही है कि पहली बार अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन ने म्यांमार को चुना है। वहां पर भारी संख्या में सशस्त्र सैनिकों की उपस्थिति को ही भूचाल आना बताया जा रहा है। दूसरी ओर अन्य देशों की सीमा पर भी सैनिकों के होने की जानकारी सामने आ रही है (वे देश जिनकी सीमा भारत गणराज्य)।
अब होगा क्या?
डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार तक का वक्त जारी किया है। इसके उपरांत कभी भी हमला किया जा सकता है। वहीं भारत गणराज्य ने इन हमलों की चेतावनी को नजरांदाज करते हुए 10 से 12 अप्रेल तक के कार्यकमों की घोषणा कर दी है।
फ्रांस, ब्रिटेन आदि राज्यों के शासनाध्यक्ष अभी भी भारत सरकार के साथ सम्पर्क में है। दोनों राज्य चाहते हैं कि वार्ता हो उसमें मार्ग निकाला जाये, लेकिन अभी तक सीधी बातचीत और तीन सालों से युक्रेन-रूस के बाद भी वार्ताओं में कोई हल नहीं निकाला जा सका है।
हालात को देखते हुए ट्रम्प के बारे में एक विशेष संदेश समाचार सेवा फॉक्स न्यूज ने दिया है। इसमें कहा गया है कि ट्रम्प तीसरे टर्म के लिए भी मैदान में आ सकते हैं। उन्होंने कहा है कि यह मजाक नहीं है, यह सत्य है। वे इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। हालांकि अभी ट्रम्प का चार वर्षीय कार्यकाल आरंभ ही हुआ है। इसी कारण राष्ट्रपति ने कहा है कि अभी वक्त है।
अगर ट्रम्प वास्तव में चुनाव के प्रति गंभीर होंगे तो उनको संविधान में संशोधन करना होगा। हालांकि रिपब्लिकन पार्टी का दोनों सदनों में बहुमत है।