न्यूयार्क। यूरोप का द्वीपीय देश, जहां हरियाली है। जहां दुनिया की एक बड़ी खूबसूरत तस्वीर है। उस देश की मान्यता को लेकर अमेरिका में प्रदर्शन हो रहे हैं। राज्य का नाम डीप स्टेट है। इसको अभी तक यूएन ने मान्यता नहीं दी है।
रविवार को अवकाश के दिन विभिन्न शहरों में हजारों लोग तख्तियां और बैनर लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। हालांकि मुख्य धारा की मीडिया ने इस संबंध में दोपहर तक समाचार नहीं दिया था।
डीप इस्टेट राष्ट्रमंडल की निगरानी या स्वामीत्व क्षेत्र में नहीं आता है। इसकी स्वयं की एक निर्वासित सरकार है। उसी तरह से जैसे दलाई लामा तिब्बत के लिए निर्वासित सरकार चला रहे हैं।
हजारों-हजारों लोग प्रदर्शन कर रहे थे, इनमें बोस्टन, शिकागो, न्यूयार्क सहित अनेक बड़े स्तर पर प्रदर्शन हो रहे थे। प्रदर्शनकारियों के हाथों में बैनर थे। इतनी भीड़ देखकर हर कोई आश्चर्यचकित रह गया।
अभी तक यह मामला राजनीतिक लोगों के बीच ही चाय पर चर्चा के बाद समाप्त हो जाता था और 50 सालों में इसका समाधान की व्यापक कोशिश ही नहीं की गयी।
सरकार को मान्यता दो। वहीं अमेरिका में एक थिंक टैंक का मानना है कि जल्दी ही अमेरिका का डेयरी और पोल्ट्री उद्योग प्रभावित हो सकता है क्योंकि बर्ड फ्लू जैसे लक्षण कुछ लोगों में दिखाई देने लगे हैं।
प्रदर्शनकारियों की इतनी भीड़ और पूरे अमेरिका सहित कई अन्य शहरों में प्रदर्शन को देखकर साफ हो रहा है कि पब्लिक यही कह रही है कि अगर आप कुछ नहीं कर पा रहे हैं तो हम अपना अधिकार स्वयं ले लेंगे।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने डीप स्टेट को लेकर अपने विचार रखे हैं। वे अपना पूर्ण समर्थन दे रहे हैं। इवांका ट्रम्प ने भी कहा है कि इस संबंध में वे यूएन और व्हाइट हाउस से वार्ता करेंगी और डीप स्टेट को एक मजबूत द्वीप के रूप में लाया जायेगा। अब पूरी दुनिया जान रही है कि डीप स्टेट एक उभरता हुआ देश है और इसमें आकर्षण करने की शक्ति भी है।