श्रीगंगानगर। ‘‘चाइना’’ पर 104 प्रतिशत टैरिफ को लागू करने के पश्चात अमेरिका ने मध्यपूर्व एशिया में अपनी ताकत को कई गुणा बढ़ा दिया है। 30 हजार सैनिकों को तैनात किया गया है और भी हजारों सैनिकों को भेजा जा रहा है। इससे सवाल खड़ा हो रहा है कि यूएस एशिया में कुछ बड़ा करने वाला है?
संयुक्त राज्य की एक अधिकृत सूचना के आधार पर 30 हजार सैनिकों को मध्यपूर्व एशिया में ‘मिशन’ के तहत रखा गया है। यह संख्या एक युद्ध को लडऩे के लिए बड़ी है। क्या यूएस युद्ध की तैयारी कर रहा है?
अमेरिका अन्य मिशनों से सैनिकों को बाहर लाकर एशिया पहुंचा रहा है। इससे एक संदेश जा रहा है और उस संदेश की आवाज बहुत से मीडिया हाउसेज नहीं सुन रहे हैं। इसी कारण इस समाचार को मुख्य धारा में नहीं लाया गया है।
वहीं रक्षा मंत्री पनामा पहुंच गये और नहर को अधिकारिक तौर पर कब्जे में लेने की कार्यवाही आरंभ कर दी।
एक तरफ जहां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प टैरिफ के माध्यम से अनेक देशों पर निशाना लगा रहे हैं तो दूसरी तरफ वे सेना का उपयोग भी निरंतर कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि 30 हजार सैनिकों को हर पल आपात परिस्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया है। जापान में भी अमेरिका की सशक्त सेना मौजूद है।
भारत सरकार ने फटाक से क्यों दाम बढ़ाए?
पेट्रोल और गैस अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमजोर हो गयी है। टेरिफ और सेना को देखते हुए तेल उपादक देशों के संगठन ने तेल उत्पादन को घटा दिया है और वहीं दामों में भी रियायत दी गयी है। जिस तरह से टैरिफ का खेल चल रहा है, ओपेक को आशंका है कि मांग कमजोर होगी। इसी तरह से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी ब्याज दरों को 25 प्वाइंट कम कर दिया है।
दूसरी ओर जैसे ही डोनाल्ड ट्रम्प का टैरिफ प्लान आरंभ हुआ, भारत सरकार ने एक ही झटके में गैस और पेट्राल के दाम बढ़ा दिये। 2 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से उत्पादक कर बढ़ा दिया गया है। इस तरह से हर माह सरकार की कई हजार करोड़ की आय बढ़ जायेगी। सरकार का कहना है कि हमने उपभोक्ताओं पर दबाव नहीं बनाया है और यह खर्चा पेट्रोलियम कंपनियों को उठाना होगा। वहीं सरकार के इस दावे के विपरीत देखें तो पेट्रोल की कीमतों को भी कथित तौर पर पेट्रोलियम कंपनियों के हवाले कर दिया गया है। इस तरह से यह तेल कंपनियां रोजाना अपने ताजा भाव जारी करती हैं। धीरे-धीरे दाम को 2 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिया जायेगा और किसी को अहसास भी नहीं होगा। इस तरह से 2 रुपये प्रति लीटर दाम अगले कुछ दिनों में धीरे-धीरे बढ़ा दिया जायेगा। वहीं गैस सिलेंडर के दाम 50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ाये गये हैं। गैस और पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी का नुकसान सीधे उपभोक्ताओं को होगा।
भारत गणराज्य की सरकार अमेरिका के साथ अपने तकरार होते हुए रिश्तों को स्वीकार भी नहीं कर रही है और वह उपभोक्ताओं पर ही दबाव बनाने की कोशिशों में जुट गयी है।
ट्रम्प ने कहा, निर्धारित समय सीमा समाप्त
वहीं डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि टैरिफ कम करने के लिए जो निर्धारित समय सीमा विभिन्न देशों को दी गयी थी, उस अवधि में जिन देशों ने अपने अधिकार कम नहीं किये हैं, उन सभी सरकारों को टैरिफ का सामना करना होगा।
ट्रम्प प्रशासन का कहना है कि अगले कुछ दिनों के भीतर दवा उद्योग पर टेरिफ का एलान किया जायेगा। यह उद्योग जर्मनी, भारत और चाइना को प्रभावित करेगा। इससे दवाइयों की अमेरिका में मांग कम हो जायेगी। इसका लाभ यूएस के व्यापारियों को ज्यादा होगा।
अब यह भी देखना होगा कि नये टैरिफ से प्रभावित देशों में किस प्रकार की प्रतिक्रिया होती है।
अमेरिका और चीन के बीच अब पनामा नहर को लेकर तकरार
न्यूयार्क। रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ मंगलवार को पनामा पहुंच गये और पनामा नहर पर कब्जा ले लिया। वहां की सरकार के साथ बात करते हुए कहा, पनामा का निर्माण अमेरिका ने करवाया। अब यहां से अमेरिकी जहाज का ही संचालन किया जायेगा।
अमेरिका और चीन के बीच वॉक युद्ध काफी गहराता जा रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने तत्काल प्रभाव से चाइना उत्पादों के अमेरिका में आयात पर ड्यूटी तत्काल प्रभाव से 104 प्रतिशत कर दी है। वहीं रक्षामंत्री पीट हेगसेथ को पनामा कैनाल पर कब्जा लेने के लिए पनामा भेज दिया। वहां पर औपचारिक रूप से अब अमेरिका का कब्जा हो गया है। वाशिंगटन अभी तक बेइजिंग पर आरोप लगाता है कि अमेरिका निर्मित कैनाल का उपयोग अपने प्रभुत्व को बढ़ाने के लिए कर रहा है।
इससे पहले जल शक्ति को मजबूत करने के लिए यूएसए ने मैक्सिको की खाड़ी का नाम परिवर्तित कर उसको अमेरिका की खाड़ी कर दिया था। अमेरिका का महाद्वीप में एक बार पुन: प्रभुत्व स्थापित हो गया है। चीन ने अपने पर लगे आरोपों को स्वीकार नहीं किया है।