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अमेरिका-ईरान की वार्ता, दुनिया की नजर

न्यूयार्क। अमेरिका और ईरान के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक परम अणु को लेकर हो रही है। अगर यह बैठक सिरे नहीं चढ़ पाती है तो मध्यपूर्व एशिया में एक बार फिर जंगी हालात हो सकते हैं। दोनों देशों के विशेष दूत बैठक करने वाले हैं।
टैरिफ की चर्चाओं के उपरांत राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ वार्ता करने का निर्णय लिया और ओमान में इस बैठक का आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
ईरान इस समय अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का सामना कर रहा है और उसकी मुद्रा रसातल में जा चुकी है। ईरान प्रतिबंधों के बीच चाइना के नजदीक आ गया था। वहीं यूएसए ने चाइना पर भी 145 प्रतिशत टैरिफ लगाकर दोनों देशों के बीच होने वाले 500 बिलियन डॉलर के व्यापार भी प्रभावित हो रहा है हालांकि नुकसान ज्यादा चाइना का हो रहा है और इसको बहुत ज्यादा कहा जाये तो भी अतिश्योक्ति नहीं होगी।
पिछले कुछ सालों के दौरान ईरान और अमेरिका के बीच व्यापार नहीं हो रहा है और अमेरिका ने अन्य देशों को भी आगाह किया हुआ है कि अगर जो ईरान संग व्यापार करेगा, उसको अतिरिक्त टेरिफ का सामना करना पड़ सकता है।
दूसरी ओर चाइना स्वयं प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। वहीं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यह भी कहा है कि वह आने वाले दिनों में ड्रग कंपनियों पर भी अतिरिक्त टैरिफ लगायेगा। चाइना दुनिया का सबसे बड़ा देश है जो रॉमैटिरियल तैयार करता है अथवा निर्यात करता है। इस तरह से अमेरिका की नजर पूरी तरह से चाइना पर है।
अगर चाइना के मित्रों को देखा जाये तो रूस, ईरान मुख्य हैं। रशिया के साथ यूएसए पहले ही वार्ताओं का दौर आरंभ कर चुका है। ईरान के साथ आज वार्ता हो रही है। ईरान के साथ किसी भी तरह की स्थिति का सामना करने के लिए अमेरिका ने 30 हजार सैनिक मध्यपूर्व एशिया में तैनात किये हुए हैं। इस तरह से अमेरिका ने दोनों हाथों में लड्डू रखा हुआ है।

साक्षर, सभी लोगों को घर और आय चार गुणा हो पायेगी 20 सालों में?
श्रीगंगानगर। भारत गणराज्य की सरकार ने अगले 20 सालों में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना देखा है। भारत का सकल घरेलू उत्पाद अभी 4 ट्रिलियन डॉलर भी नहीं पहुंचा है। चाइना की जीडीपी 17 ट्रिलियन यूएसडी है और वह अमेरिका से लगभग आधी है किंतु वह दूसरे नंबर पर होने के बावजूद अभी तक स्वयं को विकसित राष्ट्र घोषित नहीं कर पाया है।
अगर अमेरिका को देखा जाये तो वह पुन: विनिर्माण के क्षेत्र में एक बड़ा केन्द्र बनना चाहता है और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नयी कंपनियों और निवेशकों को विश्वास दिलाया कि टैक्स छूट और भूमि आदि उपलब्ध करवाने में सरकार भूमिका निभायेगी।
यूएस की खूबसूरती को देखने के लिए ही करोड़ों पर्यटक अमेरिका में पहुंचते हैं। इस तरह से किसी को विश्वास नहीं है कि चाइना कभी यूएस का स्थान ले सकता है।
वहीं विकसित भारत की चर्चा करें तो भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री का कहना है कि 2047 को 100 वर्ष आजादी के होंंगे तो उस समय देश को विकसित राष्ट्र की श्रेणी में शामिल किया जायेगा। अब विकसित राष्ट्र की शर्तों को देखा जाये तो सम्पूर्ण साक्षरता, एक उच्चस्तरीय मध्यम वर्ग, सभी लोगों को आवास, सभी लोगों को रोजगार और कानून व्यवस्था का राज।
क्या भारत में यह अभी दिखाई देते हैं। संभवत: नहीं। अगले 20 सालों में पूर्ण कर लिया जायेगा, शायद नहीं। फिर एक विकसित राष्ट्र की कल्पना कैसे की जा सकती है। सरकार ने हाल ही में वक्फ बोर्ड में बदलाव का कानून पास किया है। भाजपा सरकार का वोट बैंक है हिन्दू। पश्चिम बंगाल, बिहार और तमिलनाडू आदि राज्यों में चुनाव होने हैं और उससे पहले यह कानून लाया गया है।
हिन्दू विवाह अधिनियम में बदलाव नहीं किया गया है। यह 100 साल पुराना कानून है। वर्तमान परिस्थितियां उससे भिन्न हो चुकी हैं। फिर भी इस कानून पर चर्चा तक नहीं की गयी है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का जुमला तो दिया गया किंतु सरकार ने इसमें अपना योगदान न के बराबर रखा।

नेपाल में प्रदूषण से हालात खराब
श्रीगंगानगर। काठमांडू में प्रदूषण के कारण हालात खराब हो रखे हैं। नेपाल के सदस्यों लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। यह जानकारी मीडिया में दी गयी है।
नेपाल का भारत की राजनीति के साथ गहरा संबंध है। दोनों देशों की संस्कृति एक है। भाषा में भी समानता है और पहनावा भी एक जैसा है। इस तरह से नेपाल को भारत की राजनीति की नजरों से देखा जाये तो इसे ‘हिन्दूवादी’ कहा जा सकता है।
अब उस देश से यह समाचार दिया जा रहा है कि राजधानी में प्रदूषण के कारण हालात खराब हैं तो इसको संकेतों से समझा जाना चाहिये।

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