श्रीगंगानगर। पाकिस्तान में पेशावर से संबंधित ट्रेन का अपहरण 14 मार्च को कर लिया गया था और इसमें अनेक लोग मारे गये थे। ब्लूचिस्तान में सक्रिय संगठन बीएलओ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।
पेशावर ट्रेन को हाइजैक कर लिया गया था और इसके बाद अनेक लोग मारे गये, जिस तरह से पाक मीडिया ने रिपोर्ट को सार्वजनिक किया था। वारदात के कुछ रोज बाद ही पाकिस्तानी सेना के मुखिया ने संसद में बयान दिया था और भारत का नाम नहीं लेते हुए कहा था हम बदला लेंगे।
हालांकि अनेक देश यह मान रहे थे कि भारत को बदनाम करने के लिए पाकिस्तान ने अपने ही आतंकवादियों से इस अपहरण की घटना को अंजाम दिया था।
मंगलवार 22 अप्रेल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सउदी अरब की यात्रा पर गये थे तो पाक पीएम शाहबाज शरीफ तुर्की चले गये थे।
इस तरह से पाक पीएम ने घटना से खुद को बेखबर रखने के लिए तैयारी की हुई थी और अब भी पाकिस्तान कह रहा है कि उसका कुछ भी लेना-देना नहीं है जबकि भारत सरकार साक्ष्य दे रही है कि लश्करे तैयबा के उप संगठन टीआरएफ ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में टूरिस्ट की हत्या की वारदात को अंजाम दिया। टीआरएफ मुखिया पाकिस्तान में मौजूद है।
26 लोगों की मौत होने की जानकारी दी जा रही है। इस जघन्य हत्याकांड के बाद भारत सरकार सक्रिय है। पाकिस्तान को भय है कि करीबन पांच साल पहले भी भारत ने एयर स्ट्राइक की थी।
भारत सरकार ने सेना को अलर्ट कर दिया है। जल, थल और वायुसेना को हर पल तैयार रहने के लिए कहा है और माना जा रहा है कि कुछ स्थानों पर सीमा रक्षा की जिम्मेदारी भी सेना को सौंपी जा सकती है।
बॉर्डर पर खतरा टला
माना जा रहा है कि पाकिस्तान अब भी नये मंसूबे पाल रहा है। इस कारण बॉर्डर को यह नहीं कहा जा सकता कि खतरा टल गया है। बॉर्डर की सुरक्षा के लिए सेना को अलर्ट पर रखा गया है। वहीं अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की निगाहें भी भारत पर लगी हैं।