नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं। भारत देश में एकजुटता का आह्वान किया जा रहा है और सभी चाहते हैं कि पहलगाम कांड के दोषियों को सजा मिले।
भारत और पाक 1971 के बाद एक बार फिर से युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं। भारत और पाकिस्तान दोनों ने ही एक दूसरे के खिलाफ प्रतिबंध लगाने का निर्णय ले लिया है।
वहीं भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार में अंग्रेजी भाषा में संबोधन कर अमेरिका को एक संदेश दिया है।
सच यह है कि अमेरिका और रूस दोनों ही भारत-पाक के तनाव से स्वयं को न्यूट्रल रखने का प्रयास कर रहे हैं।
रूस अब तक भारत के साथ देता आया है लेकिन इस बार वह दूर रहना चाहता है। ऐसा संदेश मीडिया स्रोत से मिली जानकारी में सामने आया है। वहीं अमेरिका भी न्यूट्रल रहने की कोशिश में है। इसलिए ही भारत के पीएम ने अंग्रेजी भाषा में संबोधन कर पश्चिमी देशों को एक संदेश दिया है।
अमेरिका के साथ भारत के संबंध सामान्य नहीं कहे जा सकते, क्योंकि एक ही वर्ष के भीतर चार बार शीर्ष नेतृत्व एक दूसरे से मुलाकात कर चुके हैं और आपसी जो मनमुटाव है, उसको दूर नहीं कर पाये हैं।
सच यह भी है कि अमेरिका भारत में मानवाधिकार की स्थिति को लेकर सीधे तौर पर सरकार से नाराज दिखाई देता है।
वहीं अमेरिका ने अपने सबसे महत्वपूर्ण लड़ाकू विमान मध्य एशिया में एकत्रित कर लिये हैं। वह किसी भी आपात परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार है क्योंकि इरान के साथ अमेरिका के सबंध सामान्य नहीं है।