श्रीगंगानगर। कश्मीर में सेना लगातार आतंकवादियों के खिलाफ कार्यवाही कर रही है। पहलगाम में मारे गये 28 लोगों की मौत के बाद सेना को आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चलाने के आदेश दिये गये थे।
कश्मीर से लगातार यह समाचार आ रहे हैं कि वहां पर आतंकवाद को खत्म करने के लिए ऑपरेशन ऑल आउट आरंभ किया गया है। आतंकवाद से जुड़े लोगों के घरों को भी ब्लास्ट से उड़ाया जा रहा है।
कश्मीर के अंदर 1990 से एएफ-स्पा एक्ट लागू है। यह अधिनियम सेना के अधिकारों को मजबूत करता है और आतंंकवाद को समाप्त करने में सहायक होता है।
जो समाचार आ रहे थे कि एएफ-स्पा अधिनियम को कश्मीर से हटाया जा रहा है। इन समाचारों के बीच पहलगाम वारदात सामने आ गयी, जिसमें 28 हिन्दुओं को धर्म पूछकर मार दिया गया। टारगेट किलिंग की इस वारदात के बाद भारत से पाकिस्तान के खिलाफ अभियान चलाने की मांग उठ रही है।
अगर एएफ-स्पा एक्ट को हटा दिया जाता तो इससे कानून व्यवस्था को संभालने की जिम्मेदारी लॉकल पुलिस की हो जाती। एसपीए एक्ट जम्मू-कश्मीर के साथ उत्तर-पूर्व राज्यों आसाम, मणिपुर आदि राज्यों में भी लागू है। यह अधिनियम वहां पर भी आजादी के बाद से ही लागू है।
अगर एएफ-स्पा एक्ट गृहमंत्रालय हटा लेता है तो इससे कश्मीर के लिए दुनिया भर में यह मैसेज जाता कि वहां पर बेहतर कानून व्यवस्था है। इसको हटाने से पहले ही कश्मीर के अंदर पहलगाम वारदात सामने आ गयी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विदेश यात्रा पर थे और उनको जब यह जानकारी मिली तो वे तुरंत स्वदेश के लिए रवाना हो गये। इससे यह पता चलता है कि कश्मीर में जो कुछ होने वाला था, उसकी जानकारी सरकार के पास नहीं थी और किसी एजेंसी ने यह इत्तिलाह नहीं दी थी।