श्रीगंगानगर। भारत और पाकिस्तान के बीच 1948 से लेकर 1999 तक चार युद्ध हो चुके हैं। दो छोटे युद्ध थे और दो बड़े युद्ध लड़े गये। यह सभी युद्ध मानसून या इसके बाद लड़े गये। गर्मी में अभी तक कोई युद्ध नहीं हुआ।
भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर पहला युद्ध हुआ। आजादी के कुछ ही समय बाद। सर्द मौसम में यह युद्ध लड़ा गया और जनवरी 1949 में इस युद्ध का समझौता हो गया। आधी कश्मीर पाक के पास चला गया।
दूसरा युद्ध 16 सालों बाद 1965 में लाल बहादुर शास्त्री के नेतृत्व में लड़ा गया। यह युद्ध मानसून के बीच लड़ा गया और यह पहला युद्ध था, जिसमें कश्मीर से लेकर गुजरात तक सेनाओं के बीच संघर्ष हुआ था, जैसा कि इतिहासकार लिखते रहे हैं और सरकारी रिकॉर्ड में भी दर्ज है।
छ: सालों बाद ही दोनों देश एक बार फिर से आमने-सामने हो गये। इस बार युद्ध हुआ तो पूर्वी पाकिस्तान पर कब्जा करने के बाद उसे एक आजाद मुल्क घोषित कर दिया। बांग्लादेश का उदय हुआ। मुक्ति वाहिनी नामक संगठन को भारत सरकार ने स्पोर्ट किया था।
वर्ष 1971 के बाद से लेकर 1998 तक शांति सी रही और 1999 को एक बार फिर से युद्ध हुआ तो वह कश्मीर घाटी तक ही सीमित था। कश्मीर में कारगिल की चोटियों से पाक सेना को हराया गया।
हालांकि पहले युद्ध की तरह ही यह युद्ध सिर्फ कश्मीर तक रखा गया। अन्य बॉर्डर इलाके नहीं खोले गये, लेकिन भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार रही थी।
मूवमेंट के वीडियो नहीं करें वायरल
प्रधानमंत्री ने पहलगाम घटना के दोषियों को मिट्टी में मिलाने का एलान किया है। वहीं सरकार ने यह भी एडवायजरी जारी की है कि सैनिकों की मूवमेंट से संबंधित वीडियो को सोशल मीडिया या न्यूज चैनल पर प्रदर्शित नहीं किया जाये।
रक्षा मंत्रालय के आदेशोपरांत सेना बॉर्डर की ओर रवाना हो रही है। कई स्थानों पर मोर्चा संभाल लिया है। अनेक स्थानों पर बंकर का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। भारत ओर पाकिस्तान का बॉर्डर जम्मू से लेकर गुजरात तक फैला हुआ है। इस तरह से दोनों देशों को सभी बॉर्डर पर लड़ाई के लिए एक लम्बे संघर्ष को याद करना होगा।
गर्मी में नहीं होता युद्ध
1948 से लेकर 1999 तक देखा जाये तो कोई भी युद्ध भीषण गर्मी के बीच नहीं हुआ है। गर्म मौसम में चलने वाली लू दोनों देशों की सेनाओं को प्रभावित करेगी क्योंक मौसम तो हिन्दूस्थान या पाकिस्तान नहीं देखेगा।
इसलिए सेना को अपनी तैयारियां और मौसम को भी ध्यान में रखना होगा।