श्रीगंगानगर। पाकिस्तान के पास इस समय तुर्की और चीन के समर्थन होने का दावा किया जा रहा है लेकिन सेना के भीतर ही भीतर कहीं भय नजर आ रहा है और टीवी मीडिया की खबरों पर यकीन किया जाये तो पाक सेना से युद्ध के भय से अनेक कार्मिक इस्तीफा दे रहे हैं।
थलसेना अध्यक्ष असीम मुनीर के बयान बार-बार टीवी मीडिया पर प्रसारित हो रहे हैं और उनमें बताया जा रहा है कि सम्प्रभुता और अखण्डता की रक्षा की जायेगी।
वहीं भारत गणराज्य की सरकार ने पाकिस्तान को कई प्रकार की मुश्किलों में डाल दिया है। चार नदियां पाकिस्तान को जल ओर सिंचाई सुविधा दे रही हैं, इनमें चिनाब, झेलम, सिंधू और सतलुज (दो बार पाकिस्तान से जाकर वापिस लौटती है)। इनके पानी को रोकने के लिए कार्यवाही आरंभ कर दी गयी है।
हालांकि यह प्रशासन की समस्या है लेकिन सेना को युद्ध नजर आ रहा है। पाक सेना को लग रहा है कि भारतीय सेना दिन के उजाले में भारत के बॉर्डर को क्रॉस कर जायेगी।
भारत के पास अब रूस, जापान के समर्थन होने का दावा किया जा रहा है। दूसरी ओर पाकिस्तान को तुर्की ने सैन्य सहायता दी है। चीन भी पाक का मित्र है लेकिन वह भारत के साथ शत्रुता का भाव रखकर व्यापार कर सकेगा?
पाकिस्तान मान रहा है कि शर्रियत लॉ वाले देश उनको बचाने के लिए आयेंगे। हालांकि अरब के किसी देश ने भारत के साथ युद्ध के लिए समर्थन नहीं दिया है और मलेशिया की यात्रा को भी पीएम शाहबाज शरीफ ने टाल दी है।
सबसे बड़ी समस्या सेना को एकजुट रखकर युद्ध के लिए तैयार करना है। 1971 के युद्ध में 90 हजार से ज्यादा सैनिकों ने सरेंडर कर दिया था।