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पहलगाम : कल 17रिया है, बदला कब मिलेगा

श्रीगंगानगर। सनातन धर्म की संस्कृति में मृत्यु के 17वें दिन को मोक्ष का मार्ग बताया गया है अर्थात पूजा-अर्चना कर आत्मा को ईश्वर के चरणों में स्थान मिले, इसके लिए विशेष अनुष्ठान किया जाता है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रेल की दोपहरी को गोलियों से भून दिया गया था। 26 पर्यटकों की मौत होने की जानकारी लॉकल मीडिया और सरकारी स्रोत से सामने आयी थी।
भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेना और रक्षा मंत्रालय के अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की थी और बदला लेने का बयान दिया था। सेना को खुली छूट दी गयी थी। इसके बाद लगातार साउथ ब्लॉक में बैठकें हो रही हैं।
वहीं 7 मई को लोगों को यह समझाया जायेगा कि युद्ध की स्थिति में उनको अंधेरे में रहना होगा और इसके लिए ब्लैक आउट की रिहर्सल करवायी जायेगी।
सायरन बजाये जायेंगे। हालांकि राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में देखा जाये तो अब एक ही सायरन स्थायी तौर पर लगा हुआ है, वह होमगार्ड के समादेष्टा कार्यालय में लगा हुआ है। पूर्व में जेसीटी मिल और शुगर मिल की सायरन की आवाज सुनाई देती थी किंतु अब यह दोनों फैक्ट्रीज श्रीगंगानगर में बंद हो चुकी हैं।
इस तरह से मुख्य स्थानों पर पुन: सायरन लगाने होंगे। मंगलवार को भी सायरन को बजाकर देखा गया। इसी तरह से सोमवार को भी समीक्षा की गयी थी।
अब शहीद हुए लोगों की बात की जाये तो उनकी शहादत को कल 17 दिन हो जायेंगे। टीवी मीडिया पर देश के कौने-कौने से आवाज आ रही है कि हमें बदला लेना चाहिये। पीएम भी जानते हैं कि बदला लेना पड़ेगा।
बिहार में विधानसभा चुनाव है और उसके बाद पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश राज्य में चुनाव होंगे।
यह तीनों ही राज्य भारत की राजनीति में स्विंग स्टेट की स्थिति रखते हैं। इन तीनों राज्यों में जिस पार्टी को सफलता मिल गयी, वह राजनीतिक दल दिल्ली के सिंहासन पर काबिज हो जाता है।
सोमवार शाम को राजनीतिक नजरिये से एक बैठक हुई थी और इसमें राहुल गांधी, एनएसए सहित कई अधिकारी शामिल थे। इस बैठक को सीबीआई के नये डायरेक्टर की खोज के लिए बैठक होना बताया गया था।
बात फिर से वहीं आ जाती है कि आखिर 17 दिनों बाद भी बदला नहीं मिला तो फिर इसको देरी से न्याय कहा जा सकता है।

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