न्यूयार्क। अमेरिका में किसानों को बेहतर जीवन व्यतीत हो, इसके लिए इवांका ट्रम्प ने नया कदम उठाया है और एक एनजीओ का गठन किया है।
इवांका ट्रम्प ने अपने लेख में लिखा है, अमेरिका, विरोधाभासी रूप से, कृषि अतिउत्पादन और खाद्य असुरक्षा दोनों से पीडि़त है। फसलें बिना काटे सड़ जाती हैं। कम आय वाले शहरी इलाकों में रहने वाले परिवार खाद्य रेगिस्तान में रहते हैं। बर्बादी और चाहत एक साथ रहते हैं। आपूर्ति-श्रृंखला विशेषज्ञ मेलिसा मेलशेनकर एकरमैन के साथ मिलकर बनाई गई पहल, [उत्पाद] की बर्बादी को पोषण और अक्षमता को समानता में बदलकर इस टूटी हुई गणित को फिर से जोडऩे का प्रयास करती है।’
इसके अलावा, प्लैनेट हार्वेस्ट का ‘संपूर्ण फसल’ समाधानों पर जोर एक मार्केटिंग नारे से कहीं अधिक है। इसका मतलब है कि यह सुनिश्चित करने के लिए तार्किक सटीकता का उपयोग करना कि खाद्य उत्पाद, जिन्हें अक्सर कॉस्मेटिक खामियों या अधिशेष के कारण त्याग दिया जाता है, लैंडफिल के बजाय घरों में अपना रास्ता पाते हैं। यह सिस्टम द्वारा अतिरिक्त समझे जाने वाले उत्पाद को आर्थिक और पोषण मूल्य में बदल देता है। यह विवेक के साथ दक्षता है।’
यह लेख इस बात पर जोर देता है कि हम प्लैनेट हार्वेस्ट के साथ क्या हासिल करना चाहते हैं।
इस तरह से एक लेख के माध्यम से उन्होंने बताया है कि एक तरफ अमेरिका अति उत्पादन कर रहा है तो दूसरी उसके नागरिक खाद्य रेगिस्तान में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। यह असमानता है और इसको समाप्त किये जाने की आवश्यकता है।
वहीं सच यह भी है कि इवांका को वापिस व्हाइट हाउस में अपनी जिम्मेदारी को संभालना होगा। पिछली बार वे वरिष्ठ सलाहकार थे तो उन्होंने अफ्रीकी महिलाओं के लिए अनेक साहसिक कदम उठाकर उनको स्वावलम्बी बनाया गया था। पांच करोड़ महिलाओं को सफल जीवनकर्ता बनाने में सहयोग किया था।
इस समय किसानों की स्थिति है तो दूसरी ओर रेगिस्तान में रहने वाले लोगों का जीवन है, इस पर प्रकाश डाला गया है और उनको ही यह प्रयासों को सफलता की ओर ले जाना होगा और यह व्हाइट हाउस में उनकी अनुपस्थिति के बिना संभव नहीं है। कहीं ऐसा नहीं कि वक्त निकल जाये। वक्त तो पंख लगाकर उड़ता जाता है दशकों पुरानी यादें कल की प्रतीत होती हैं। अब उन्होंने यह बेड़ा उठाया है तो इसको मुकाम तक भी लेजाना होगा।