न्यूयार्क। अमेरिका में रहने वाले भारतीयों की परेशानी बढ़ती जा रही है। कबूतरबाजों की अमेरिका यात्रा प्रतिबंधित करने के बाद अब अमेरिका से राशि भारत भेजने पर पांच प्रतिशत टैक्स वसूला जायेगा। माना जा रहा है कि मोदी सरकार और ट्रम्प प्रशासन के बीच जो खींचतान चल रही है, उस पर दबाव बनाने के लिए यह फैसला लिया गया है।
भारत से अमेरिका आना अब आसान नहीं रहा है। अनेक एजेंट्स के लाइसेंस को निलम्बित ही नहीं किया गया बल्कि सैकड़ों या इससे भी ज्यादा हजारों में वीजा को कैंसिल कर दिया गया है। यह भारतीय लोगों पर सबसे बड़ी मार है।
अनेक भारतीय इस समय अमेरिका में हैं जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं है। यह लोग डंकी रूट से पहुंचे। अब दक्षिण बॉर्डर को सीलबंद कर दिया गया है। इस कारण यह रूट तो बंद हो गया है।
वहीं अनेक एजेंट्स के लाइसेंस को अमेरिका ने निलम्बित कर दिया है। इनके माध्यम से लगने वाली फाइल्स अब रिजेक्ट भी हो सकती है। वहीं विदेश मंत्री मार्को रूबियो का कहना है कि लाइसेंस निलम्बित करने के बाद उन वीजा को भी कैंसिल किया जा रहा है जो इन एजेंट्स के माध्यम से लगे थे। यह संख्या हजारों में हो सकती है।
दूसरी तरफ वित्त मंत्री ने आदेश जारी कर दिया है कि भारत में जो लोग पैसा भेजते हैं उन पर 5 प्रतिशत टैक्स वसूला जायेगा। इस तरह से एक लाख रुपये भेजने पर पांच हजार रुपये टैक्स और मुद्रा परिवर्तन की राशि अलग से देय होगी।
अमेरिकी लोगों पर टैक्स का बोझ कम करने के लिए नये कर लगाये जा रहे हैं। इस तरह से नो टैक्स ऑन टिप्स एक्ट भी अब कानून बन गया है। यह अमेरिकी लोगों को टैक्स से राहत प्रदान करेगा तो दूसरी ओर विदेशी लोगों पर बोझ बढ़ायेगा।
पहले कनाडा ने भारतीय लोगों के वीजा को सख्त किया तो दूसरी ओर अब अमेरिका भी नयी आर्वजन नीति ला रहा है। कई यूनिवर्सिटी का रिकॉर्ड चैक किया जा रहा है।
भारत सरकार और ट्रम्प प्रशासन के बीच जो शीत युद्ध चल रहा है, उसमें और सख्त नियम भी अमेरिका बनाने के लिए प्रयासरत है। इनमें एच 1 बी वीजा को भी पुन: परिभाषित किया जा सकता है।