श्रीगंगानगर। पाकिस्तान इस समय कर्ज के तले दबा हुआ है और इस बीच खबर यह है कि भारतीय सरकार ऑपरेशन सिंदूर का पार्ट-2 की तैयारी आरंभ कर रही है क्योंकि सरकार ने सरहदी प्रांतों पंजाब, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और गुजरात को मॉक ड्रिल की तैयारी और लोगों को आपातकाल के लिए प्रशिक्षित करने के लिए कहा है।
ऑपरेशन सिंदूर के समय आईपीएल परवान पर था और हालात यह थी कि भारत-पाकिस्तान के बीच चल रही लड़ाई से ज्यादा टीआरपी आईपीएल को मिल रही थी और समाचार चैनलों को सिर्फ 22 प्रतिशत लोगों ने ही देखा था, ऐसा एक सरकारी रिपोर्ट में बताया गया है।
भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षामंत्री ने कहा था कि अभी तो सिर्फ ट्रेलर है ‘फिल्म’ तो अभी बाकी है। अब भारत सरकार के गृह मंत्रालय का कहना है कि सीमावर्ती इलाकों में लोगों को ऑपरेशन शिल्ड के तहत मॉक ड्रिल के जरिये अभ्यस्त किया जाये कि किस तरह से आपात परिस्थितियों का सामना करना है और सायरन बजने पर सभी लाइट आदि को बंद करना है और स्वयं की सुरक्षा के लिए भूतल पर शरण लेनी है।
भारत सरकार पर गंभीर दबाव
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत-पाक के बीच मिसाईल वॉर को देखा गया और फिर एकाएक ही युद्धविराम हो गया। अमेरिका के राष्ट्रपति ने युद्ध विराम का श्रेय लिया। इससे विपक्षी दल लगातार सरकार से सवाल कर रहे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर का भारत को क्या लाभ हुआ? पहलगाम आतंकवादी घटना के अपराधियों को नहीं मारा जा सका। अजहर मसूद और हाफिज सइद जो बड़े आतंकवादी संगठन चलाते हैं, वे आज भी जीवित हैं। उनके संगठन को समाप्त नहीं किया जा सका। पीओके आज भी पाक का हिस्सा बना हुआ है। करतारपुर साहिब के लिए लोगों को फिर से वीजा लेना होगा। लाहोर को फिर नहीं देखा जा सकेगा।
पाकिस्तान ने तुर्की के बाद अमेरिका की ओर सहायता के लिए मुंह किया
अमेरिका पाकिस्तान की फिलहाल कोई मदद नहीं कर रहा है। इसी कारण आईएमएफ से मिलने वाले लोन के लिए भी पाक को चीन, अमेरिका की मदद लेनी पड़ती है। खजाना खाली है और पाक को बार-बार सउदी, यूएई और तुर्की-चीन की ओर देखना पड़ता है।
एक वक्त था जब अमेरिकी राष्ट्रपति भारत आते थे तो पाक भी जाया करते थे। बिल क्लिंटन पांच दिन की यात्रा पर थे तो वे पाकिस्तान में भी नाश्ता पानी करके गये थे। डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत की यात्रा की तो वे पाकिस्तान नहीं गये थे। जो बाइडेन ने भारत की यात्रा ही नहीं की और मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प दूसरे कार्यकाल में अभी तक भारत यात्रा का कार्यक्रम नहीं बना पाये हैं। वे संभवत: इस साल भारत नहीं आयेंगे।
माना जा रहा है कि भारत सरकार इस बार पाकिस्तान के साथ खुले मैदान में लडऩा चाहती है।
क्या था शिमला समझौता, अमेरिका अब शामिल
शिमला समझौता एक बड़ा मसौदा था। पाकिस्तान ने अब इसमें अमेरिका को भी शामिल कर लिया है। वह चाहता है कि अमेरिका इसमें भागीदार बने। वहीं भारत सरकार ने इसको द्विपक्षीय मामला बार-बार बताया है।
अगर शिमला समझौता को गंभीरता से देखा जाये तो सामने नवाज शरीफ का परिवार, डोनाल्ड ट्रम्प का परिवार भी शामिल हो गया है। शरीफ पहले खुद पीएम थे। अब उनकी पुत्री पंजाब की सीएम है और भाई शाहबाज पीएम है। बेनजीर भुट्टो के पति आसिफ अली जरदारी राष्ट्रपति हैं। मिली-जुली सरकारी चलायी जा रही है।
अब शरीफ परिवार, ट्रम्प परिवार और मोदी परिवार इसमें किस तरह से व्यक्तिगत हो गये हैं, यह एक रहस्यपूर्ण गुत्थी है और इसको अभी तक कोई सुलझा नहीं पाया है।
विदेश छात्रों का अमेरिका जाना मुश्किल
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प एक नया बिल ला रहे हैं द वन, बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट। इससे पूर्व सभी विदेशी छात्रों के अमेरिका में प्रवेश संबंधी वीजा की कार्यवाही को रोक दिया गया है। माना जा रहा है कि ट्रम्प का नया बिल दक्षिण एशिया के लिए एक बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है और इस बात की जानकारी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी है और इसी कारण उन्होंने आपातकाल के लिए तैयारियां के आदेश दे दिये हैं।
विदेशी छात्रों में भारतीय सबसे अधिक होते थे। पहला नंबर चीन का था, जिसको भारतीयों ने पिछाड़ दिया था। अब अमेरिका में जाना इतना आसान नहीं होगा क्योंकि वीजा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।