लुधियाना। पंजाब के महानगर लुधियाना में स्मार्ट सिटी के तहत बुड्ढा नाला को स्वच्छ बनाने के लिए 550 करोड़ रुपये जारी हुए थे। यह बजट खर्च हो चुका है लेकिन बुढ़ा नाला 500 मीटर दूर से ही सड़ांध मारता है और लुधियाना के 24 किमी इलाके में लाखों लोग रहते हैं और यह दुर्गंध उनके जीवन को किस प्रकार प्रभावित करती होगी, इसकी कल्पना की जानी चाहिये।
लुधियना को क्लीन, ग्रीन बनाने के लिए नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में कई याचिकाएं दाखिल है और एक याचिका का निस्तारण करते हुए एनजीटी करीबन 500 करोड़ का जुर्माना पंजाब सरकार पर लगाया था। जुर्माना अदा नहीं करना पड़े, पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयी और वहां से स्थगनादेश ले आई। इस तरह से क्लीन-ग्रीन लुधियाना की कल्पना तो सरकार ही नहीं कर रही, आम आदमी तो बस एक रीडर बनकर रह गया है।
पंजाब में जो मुख्य समस्याएं हैं, उनके बारे में जानना जरूरी है। बुड्ढा नाला का एरिया करीबन 24 किमी का है और वह लुधियाना की अनेक कॉलोनियों से होकर गुजरता है और नाले में लोगों का सीवरेज और अन्य गंदगी से भरा हुआ पानी सीधे बुड्ढा नाला में जाता है। वहीं इसके बहाव क्षेत्र में अनेक उद्योगिक इकाइयां भी स्थापित हैं। जिनको डाईंग कहा जाता है और उनका विषैला, गंदा पानी भी इसी में आता है।
आगरा में ताज महल है तो लुधियाना में ताज पुर रोड है। इस मार्ग पर नाला के किनारे डेयरियां स्थापित हैं और इनका जितना भी वेस्टेज होता है वह भी सीधे नाले में जाता है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सतलुज दरिया का सैम्पल लेता है तो उसमें हैवी मैटल्स मिलने की बात भी सामने आती है। क्योंकि बुढा नाला की गंदगी सीधे सतलुज दरिया में ही जाकर मिलती है। इस तरह से सतलुज का अमृत इस जहरीले पानी से विषैला हो जाता है और यही पानी पंजाब, राजस्थान के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर आदि जिलों में पेयजल-सिंचाई के लिए उपलब्ध होता है।
यही विषैला पानी लोगों का जीवन छीन रहा है। बच्चों के समय से पहले बाल सफेद हो रहे हैं। चर्म रोग हो रहे हैं। अनेक अन्य प्रकार की बीमारियां जन्म ले रही हैं। कैंसर के बारे में तो व्यापक स्तर पर लिखा ही गया है।
इसके बाद भी पानी का बहाव सतलुज से नहीं रोका जा सकता है। सरकार अगर अपनी हार मानती है और यह स्वीकार करती है कि 550 करोड़ रुपये व्यर्थ बह गये, कोई काम नहीं हुआ तो भगवंत मान यह तो कह सकते हैं कि पानी का मुंह तो मोड़ा जा सकता है। सतलुज दरिया में बुड्ढा नाला को जाने से रोकने के लिए लुधियाना में ही एक स्थान पर पानी एकत्रित कर उसको आधुनिक ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर स्वच्छ करते हुए उसका अन्य उपयोग में पानी लिया जाये। इस तरह से अनेक लोगों के जीवन को बचाया जा सकता है।