न्यूयार्क। अमेरिका के कैलीफोर्निया प्रांत में हिंसा का जो तांडव हुआ, उसमें विदेशी धन था। इस प्रकरण की अब उच्चस्तरीय जांच होगी और विदेशी धन भेजने वालों के खिलाफ अमेरिका प्रतिबंध लगा सकता है।
पिछले सप्ताह से लॉस एंजल्स में आग लगने की घटनाएं हो रही थी। स्थानीय पुलिस हालात पर काबू नहीं पा पायी तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रीय सुरक्षा बल के हथियारबंद अधिकारियों को नियुक्त कर दिया। मंगलवार रात को अमेरिका समयानुसार मेयर ने डाउन टाउन इलाके में कफ्र्यू का एलान कर दिया।
राष्ट्रपति ने अपने एक बयान में कहा है कि एलए में जो कुछ भी हुआ, वह एक सुनियोजित साजिश थी। लॉस एंजल्स के दंगों में फंडिंग विदेश से हुई और अब इसकी जांच की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि एलए के नजदीकी ही सिलीकॉन वैली है जो दुनिया की सबसे बड़ी साइबर सिटी है। लाखों लोग वहां पर कार्य करते हैं। इसका कनेक्शन बंग लुरू से भी है। कर्नाटक के इस राज्य में भी एलए से पहले बड़ा हादसा हुआ था और आईपीएल को आरसीबी ने जीत लिया था, इसके बाद भीड़ में 7 लोग कुचले जाने से मारे गये थे। इसकी जांच भी की जा रही है।
दो साइबर सिटी में एक साथ दो बड़ी घटनाएं हुईं और इसको किस नजरिये से देखा जाये, यह भी विचारणीय विषय है।
वहीं स्पेन भी आग की चपेट में रहा है। स्पेन में भी एक स्कूली छात्र ने गोलियां चलाकर अपने सात साथियों को मार दिया था। इस तरह की वारदात पहले यूएसए में होती थी किंतु इसका हल निकाल लिया गया है जिसके बाद अमेरिका में पिछले 6 माह से एक भी वारदात नहीं हुई।