श्रीगंगानगर। अगर रिचर्ड निक्सन के घोटाले को याद किया जाता है तो उसी तरह से मौजूदा गणराज्य के पीएम नरेन्द्र मोदी के 8 नवंबर 2016 को लिये गये निर्णय की भी समीक्षा की जानी आवश्यक है। वहीं डोनाल्ड ट्रम्प का आज बिजी शैड्यूल रहने वाला है। उनको रूस के राष्ट्रपति के साथ हॉटलाइन पर बात करनी है और इसके बाद वे जेएफके से संबंधित 80 हजार पेजों को सार्वजनिक करेंगे।
8 नवंबर को भारत में नोटबंदी की गयी थी। इस निर्णय का भारत और मध्यम वर्ग पर क्या असर हुआ, उसको जानना बेहद आवश्यक है।
नवंबर 2016 में नोटबंदी से पूर्व वर्चुअल करंसी बिटकॉइन की प्राइस प्रति सिक्का 30 हजार रुपये थी। अब नवंबर के बाद के हालात को देखते हैं, 9 दिसंबर 2017 को इसकी कीमत 10 लाख 16 हजार रुपये के आसपास हो गयी। एक वर्ष के भीतर दाम 10 लाख रुपये प्रति क्वाइन बढ़ गये।
कोरोना काल में जब बाजार बंद करवा दिये गये थे और मीडिल क्लास को घरों में कैद कर दिया गया था क्योंकि फैक्ट्रीज में काम चालू था। 2021 में यह 34 लाख रुपये से भी ज्यादा का हो गया। इसके बाद इसने रफ्तार पकड़ी और सोमवार को इसके दाम बढक़र 73 लाख 19 हजार रुपये हो गये। एक सिक्का जो नोटबंदी से पहले मात्र 30 हजार रुपये का था। उसके दाम 8 सालों में 73 लाख रुपये बढ़ गये। इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि टैक्रोलॉजी प्रेमी नरेन्द्र मोदी कितना बड़ा गेम खेल गये।
इसी तरह से अमेरिका में एलन मस्क की कंपनी में 350 लाख करोड़, अडाणी-अम्बानी, एप्पल में इससे कहीं ज्यादा निवेश हुआ। वह ट्रिलियन डॉलर वाली कंपनियां बन गयीं।
दूसरी ओर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प मंगलवार को एक बड़ा धमाका करने वाले हैं। वे जेएफके से संबंधित 80 हजार फाइलों को सार्वजनिक कर रहे हैं। वे इसके बाद मास्को से हॉटलाइन सम्पर्क करेंगे और पुतिन के साथ विश्व शांति के लिए बैठक करेंगे।