श्रीगंगानगर। राजनीति वह विषय है जो कॉलेज में ही पढ़ाया जाता है और अनेक राज्यों में तो कॉलेज छात्र संघ चुनाव भी करवाये जाते हैं। इस तरह से राजनीति का स्वाद छात्र जीवन में ही डाल दिया जाता है।
अब उसी राजनीति की चर्चा करें तो सामने आता है कि बिटकॉइन को दुनिया के सामने लाने वाले रहस्यमय व्यक्ति को आज तक सामने नहीं लाया जा सका है। अगर मीडिया रिपोर्ट को देखें तो सामने आता है कि उसको सातोशा नाकेमोटा ने ब्लॉक चेन को ईजाद किया था और 2010 के बाद इस सातोशा के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है।
ऐसा नहीं है कि ब्लॉक चेन को हैक नहीं किया जा सकता या उसको डाउन नहीं किया सकता। अभी इसका कोई मालिक सामने नहीं आया है। यह कुछ बड़े राजनीतिक नेताओं के भरोसे चल रही है और इसको हवाला कारोबार का नया रूप माना जा सकता है।
यहां से बिटकॉइन भेजा और यूएई या अन्य देश में उसको कैश करवा लो। इसी तरह से वहां से भेजे गये बिटकॉइन को भारत में भी कैश करवाया जा सकता है।
अगर यह राजनेता जो आज कुर्सी पर हैं। जो इसको भारत से ऑपरेट कर रहे हैं। सिंगापुर आदि देशों में अपने आदमी बैठा रखे हैं। अगर यही आदमी अपना बोरिया बिस्तर समेटकर फरार हो गये तो? वेबसाइट को बंद कर दिया जाये तो इसमें निवेशक कहां जायेंगे?
कोई कंपनी इसको ऑपरेट नहीं कर रही। कोई सरकार इसको अधिकारिक तौर पर टेक ओवर नहीं कर पा रही। इस तरह से बिटकॉइन के निवेशकों को निवेश करने से पहले सोचना अवश्य होगा।
अगर अमेरिका सरकार इसको टेक ओवर कर लेती है तो समझा जा सकता है कि यह सुरक्षित है। यूएएस अपना टैक्स वसूलकर लोगो को पैसे की गारंटी दे सकती है।
वहीं भारत की राजनीति की चर्चा की जाये तो जो सत्ता में बैठे हैं, वही लोगों को गैम्बलिंग की ओर आकर्षित कर रहे हैं।
स्टॉक मार्केट को तेज बनाये रखने के लिए सरकारी कंपनियां भारी निवेश कर रही हैं और एक सांसद का संसद में बयान था कि कुछ दिनों के भीतर 80 लाख करोड़ रुपये स्वाह हो गये हैं। दो साल के भारत सरकार के बजट के बराबर।
वहीं बिटकॉइन का मार्केट कैप 1.6 ट्रिलियन डॉलर है। जितना भारत के कुल लोग कमाते हैं।