न्यूयार्क। वाशिंगटन और मास्को इस बात पर सहमत हैं कि तेहरान से इजरायल की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जायेगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गत दिवस इस संबंध में ब्लादीमिर पुतिन से वार्ता की थी। 90 मिनिट्स की वार्ता का प्रेस नोट जारी किया गया है। व्हाइट हाउस की ओर से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि अभी यूक्रेन युद्ध को लेकर पूर्ण शांति नहीं हो सकती। दोनों नेता इस बात पर सहमत थे कि काला सागर में शांति स्थापित रहे।
उल्लेखनीय है कि इस समय इजरायल ने गाजा के साथ युद्ध आरंभ किया हुआ है और उस युद्ध के दौरान एक ही दिन में 400 लोगों के मारे जाने की खबर दी गयी थी।
इस बीच हूथी, ईरान और हमास एक हो गये हैं। हूथी के खिलाफ अमेरिका चला रहा है।
ट्रम्प ने जिस तरह से रूस के प्रति अपना विशेष लगाव प्रदर्शित किया है, उससे विश्व में एक नयी आशा की किरण बन रही है। पश्चिमी देशों के पास हथियारों की कमी है। इस कारण वे आशंकित भी हैं। फ्रांस ने कहा है कि वह अतिरिक्त राफेल विमान खरीदने की तैयारी कर रहा है और रक्षा बजट को भी बढ़ाया जायेगा।
हूथी इस समय अमेरिका ही नहीं बल्कि लाल सागर से निकलने वाले सभी वाणिज्य वाहनों के लिए खतरा है। इस कारण अमेरिका ने यमन समर्थित हूथियों नामक आतंकवादी संगठन पर हमला किया है।
कामदार भी ब्लू चिप में हिस्सेदार
श्रीगंगानगर। अमेरिका में एक भारतीय नेता को हाजी की उपाधि दी गयी थी। एक नेता ने स्वयं को ही कामदार बताया था। इस हाजी कामदार की ब्ल्यू चिप में हिस्सेदारी सामने आयी है।
ब्लू माइक्रोचिप नामक कंपनी में एक कामदार भी निदेशक है। इस तरह से कामदार के बढ़ते कदम और उनके बिना अवकाश लिये काम करने की कला भी सामने आती है।
दूसरी ओर देखें तो डोनाल्ड ट्रम्प सीधे एक्स या कहें कि ट्वीटर पर पोस्ट नहीं कर रहे। वे अपने ट्र्रूथ सोशल एप पर किये गये पोस्ट की ही इमेज को एक्स पर ला रहे हैं। उनको पता है कि एक्स पूर्व की तरह विश्वसनीय नहीं रहा है।
रूसी संवाद सेवा का कहना है कि यूक्रेन की सेना ने रूस के ऊर्जा संयंत्रों पर हमला किया है। यह समझौते का सीधा उल्लंघन है। क्यूबन क्षेत्र में किये गये हमलों के संबंध में सर्वोच्च स्तर पर जानकारी है। वहीं मास्को ने कहा कि उसका वाशिंगटन के साथ हॉटलाइन पर सीधा संवाद कायम रहेगा।
यह देश गांधी और बुद्ध का है तो…
बड़ा सवाल इस समय दुनिया में गूंज रहा है कि पाकिस्तान में ट्रेन के बेपटरी पर होने और सेना के काफिले पर हमला किस एजेंसी की ओर से किस वित्त मदद से करवाया गया है। पाक का कहना है कि इसके लिए भारत सीधे तौर पर जिम्मेदार है।
भारत के प्रधानमंत्री कहते हैं कि यह देश गांधी और बुद्ध का है। फिर हमला किसने किसकी मदद से करवाया। जो हथियार और बारूद थे, वे कैसे आतंकियों तक पहुंचे। क्या आईएसआई ही इसके लिए जिम्मेदार है या कोई और संस्था।
कर लो दुनिया मु_ी में…
रिलायंस समूह के छोटे साहिबजादे अनिल अम्बानी ने 2002 में रिलांयस फोन को लाँच किया था और मात्र 500 रुपये में हैंडसैट और कनेक्शन दिया गया था। इस तरह से फोन को घर-घर पहुंचाया गया था। इसको नाम दिया गया था.. कर लो दुनिया मु_ी में।
सरकार बदली तो रिलांयस समूह नीचे की ओर आने लगा। अनिल अम्बानी का बाजार धीरे-धीरे खत्म हो गया और आज वे 100 अरबपतियों में नहीं है। उन पर इतना कर्ज है कि वे उससे बाहर ही निकल पा रहे।
इससे पहले हिमाचल प्रदेश को अलग किया गया और एचपी नामक प्रोडक्ट को बाजार में लाया गया। एचपी का नाम नहीं बदला गया। हिमाचल प्रदेश का नाम नहीं बदलकर एचपी कंपनी को ही बंद करवा दिया गया। अब इस कंपनी के लैपटॉप, प्रिंटर को बंद कर दिया गया है। इसको पर्यावरण के अनुकूल नहीं माना जा रहा है। इस तरह से अगर सरकार एचपी का नाम ही बदल देती तो…। हालांकि भारत सरकार ने हिन्दुस्तान पेट्रोलियम अर्थात एचपी को बहुत बड़ी कंपनी बना दिया है। सिलेंडर और पेट्रोल से भारी लाभ पहुंचाया जा रहा है। क्या यह एचपी प्रदूषण नहीं पैदा कर रही।