न्यूयार्क। वल्र्ड ट्रेड आर्गेनाइजेशन, जो यूएन की व्यापारिक संस्था है, उससे अमेरिका बाहर आ गया है। इससे विकासशील देशों में सक्रिय व्यापारिक संगठनों को भी झटका लगेगा।
संयुक्त राष्ट्र संघ ने व्यापारिक संस्था का नाम डब्ल्यूटीओ रखा था, जो व्यापारिक हितों के साथ-साथ डाई कार्यक्रम का भी प्रचार और उसको धरातल पर भी लाती थी।
डब्ल्यूटीओ से संबंद्ध भारत में दो प्रमुख व्यापारिक संस्थाए हैं, इनमें एक फिक्की तथा दूसरी चैम्बर ऑफ कॉमर्स थी। दोनों ही संस्थाओं को विश्वस्तरीय संस्थाओं से आंदोलन को जारी रखने के लिए धनराशि प्राप्त होती थी।
अमेरिका और ईटली से आने वाले इस धन को डाई कार्यक्रम को अधिकाधिक प्रसार करने के लिए खर्च किया जाता था और बड़ा हिस्से की बंदरबांट हो जाती थी।
गुरुवार को राष्ट्रपति ने इस संस्था से बाहर निकलने का एलान कर दुनिया को चौंका दिया है। अब इन संस्थाओं को चलाने के लिए धन नहीं मिलने वाला। इससे पहले 25 प्रतिशत टैरिफस कारों और उनके कलपुजों पर लगाया गया है। स्टील आदि पर भी आयात कर लगा दिया गया है। इस तरह से पूरी दुनिया में हलचल मची हुई है। अमेरिका से आने वाला धन के स्रोत समाप्त हो रहे हैं।