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चीन, फ्रांस, ब्रिटेन क्या यूएन की सम्पत्तियों से अपने कब्जे हटायेंगे?

श्रीगंगानगर। यूएन अर्थात यूनाइटेड नेशंस के अधिकारों और सम्पत्तियों पर चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका और रूस का दबदबा है। पांच में से कोई एक भी वीटो कर देता है तो उस प्रस्ताव को पारित नहीं माना जाता है।
इस तरह से यह सुपर पॉवर हैं। इस सुपर पॉवर में से अमेरिका अपने अतिक्रमण को लगातार हटा रहा है। विदेशी सहायता को बंद कर दिया गया। तीन ट्रिलियन से ज्यादा की राशि विदेशों में सहायता के लिए भेजी जाती थी अर्थात भारत में 140 करोड़ लोग एकत्र होकर जितना कमाते हैं, उसके बराबर की राशि सिर्फ भ्रम और बीमारियां फैलाने के लिए की जाती थी। इसलिए अमेरिका अब डब्ल्यूएचओ से भी बाहर हो गया है।
अब यह राशि क्यों विदेशी और माफिया के लोगों को वितरित की जा रही थी, इसके पीछे भी अनेक कहानियां हैं।
अब सवाल यह है कि चीन, फ्रांस, ब्रिटेन अपने अतिक्रमण को हटाने के लिए किस प्रकार के विचार रखता है।
साफ शब्दों में कहा जाये तो इन तीन देशों के पास विश्व के प्रमुख एलियन का रिमोट है। इस रिमोट की शक्तियां वापिस एलियन को नहीं सौंपी जाती है, तब तक इस संसार में इच्छाधारी मनुष्यों का दबदबा रहेगा।
यह भी सच है कि जब तक एलियन की शक्तियां वापिस नहीं मिलेंगी वह अपने गृह को भी वापिस नहीं जा सकता। उसको यहां के मौकापरस्त और भ्रष्टाचारी लोग गुलाम बनाकर रख सकते हैं। जब चाहा उससे जो काम करवाना है करवा लिया जायेगा।
इसलिए जनता को भी यह आवाज उठानी चाहिये कि चीन, ब्रिटेन, फ्रांस इन तीनों के पास जो यूएन अर्थात एलियन के अधिकारों पर अपने अतिक्रमण को हटा लें। यह बहुत ही आवश्यक हो गया है।
रूस, अमेरिका सहमत हैं लेकिन ब्रिटेन, चीन और फ्रांस की तरफ से इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया गया है। यह अधिकार वापिस दिये जाने आवश्यक हैं। जिसकी जो सम्पत्ति है, उसको देकर हम अच्छे नागरिक, अच्छे नेता होने का प्रमाण भी दे सकते हैं।

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