वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के राष्ट्रपति रहते हुए जो बाइडेन ने अपने पुत्र हंटर बाइडेन को क्षमा कर दिया किंतु उन्होंने सेवानिवृत्ति से पूर्व खुद को माफ नहीं किया। न ही कमला हैरिस को किया गया।
अब साफ हो गया है कि अमेरिका के शेयर बाजार में भारत की तरह का स्टॉक गेट हुआ। इस घोटाले में कई लाख करोड़ रुपये हवाला के जरिये अमेरिका पहुंचे। स्टॉक मार्केट को कैप्चर किया गया और इस तरह से हेराफेरी का नया स्कैण्डल सामने आया।
अमेरिका की हालत क्या हो गयी है। पूर्वकाल में एक राक्षस राज हुआ, जिसका नाम था भस्मासुर। उसने भगवान शिव की अराधना की और जब तपस्या पूर्ण हुई तो भस्मासुर के पास एक दैवीय शक्ति आ चुकी थी, वह जिस पर भी हाथ रखता, वह जलकर भस्म हो जाता।
अब राक्षस भगवान शिव के पीछे हो लिया तो उन्होंने देखा कि जो शक्ति मैंने इसको दी है, उसका दुरुपयोग हो रहा है।
आखिर में विष्णु भगवान ने भस्मासुर का वध किया और दुनिया को राक्षसराज से बचाया।
अब कहानी को आगे बढ़ाते हैं तो सामने आता है कि डाई कार्यक्रम के तहत लुधियाना के वस्त्र और ऊनी बाजार में अमेरिका से जमकर पैसा आया और ऊन को रंगनेवाली फैक्ट्रीज की एक सीरिज आरंभ हो गयी। अमेरिका से आने वाले धन का दुरुपयोग कैसे हो रहा था और यह देखने की भी आवश्यकता है। लुधियाना में अमेरिका से आ रहे धन को बाइडेन और वीपी कमला हैरिस रोकने का प्रयास ही नहीं किया।
आज की तारीख में देखा जाये तो ऊनी वस्त्र का बाजार लाखों लोगों के जीवन को खतरा उत्पन्न कर रहा है। बुद्धा नाला का कोई सफाई करवाने को तैयार नहीं है। पंजाब सरकार के पास भाषणों के अतिरिक्त तीन सालों में कुछ भी तो नहीं मिला।
यह बाइडेन प्रशासन की भारत के प्रति सम्र्पण की कहानी रही। जो भी मोदी सरकार चाहती रही, प्रशासन करता रहा। इसमें अमेरिकी शेयर बाजार भी शामिल है। इस बाजार में शेयर मार्केट को प्रभावित किया गया। नियमों से परे जाकर उसमें हस्ताक्षेप किया गया। इस तरह से खेला होबे कार्यक्रम चलता रहा।
मनी लॉड्रिंग की जांच करवायी जाए तो बाइडेन प्रशासन के दोनों उच्चाधिकारी फंसते हुए नजर आते हैं।
अब सवाल यह है कि कमला हैरिस और बाइडेन राष्ट्रपति के पास क्षमा याचना के लिए जाते हैं या अपराध की सजा भुगतना चाहते हैं।