वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड जिस तरह से काम कर रहे हैं उससे लगता है कि वे रात को अपने सोने का समय भी कम कर चुके हैं। क्योंकि काम का बोझ उनके चेहरे पर भी अनेक बार दिखाई दिया है।
वहीं विपक्ष का काम यह हो गया है कि वह मामलों को लटकाये रखना चाहता है। वार्ता के जरिये वह टाइम पास करना चाहता है। इस समय हूथी समूह के खिलाफ ट्रम्प ने मिसाइलों से हमला कर हूथियों का हौसला तोड़ दिया है तो दूसरी ओर हूथी समुदाय के खिलाफ सेना को भी उतारे जाने की तैयारी की जा रही है।
इस बीच अदालत और विपक्ष ने उनके कार्यकारी एजेंडे को प्रभावित करने का काम किया है।
यमन के मुद्दे पर भी यूएस और मैक्रां की राय में अंतर
न्यूयार्क। जी-7 और नाटो के माध्यम से संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस के बीच गहरे संबंध थे किंतु यूक्रेन और यमन को लेकर दोनों पक्षों के विचारों में अंतर आ रहा है। मैक्रां पहले दुकानदारी देख रहे हैं।
फ्रेंच की मौजूदा सरकार यमन के भ्रष्टाचारी नेताओं के साथ हथियारों की खरीद-फरोख्त को लेकर चर्चा कर रहे हैं। उनके और राष्ट्रपति डोनाल्ड के बीच एक लक्ष्मण रेखा इस कारण खीच गयी है।
यूक्रेन में शांति समझौता करवाने के लिए अमेरिका ने पहल की थी तो फ्रांस और यूरोपीय देश उनके साथ दिखाई नहीं दिये। अब लाल सागर में जहाजों को लूटने वाले गिरोह के खिलाफ हमले हो रहे हैं तो भी फ्रांस या नाटो के सदस्य देश साथ नहीं थे।
भारत गणराज्य की सरकार की तरह ही लोगों के समक्ष शेयर बाजार की रेटिंग के जरिये गुमराह कर रही है। शेयर बाजार को मैनेज किया जा रहा था, जैसे भारत में हो रहा था और हाल ही में एक अदालत ने सेबी से रिटायर्ड महिला अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के भी आदेश दिये हैं।
फ्रांस पर 2018 के समय 2 ट्रिलियन यूरो के करीब कर्जा था, जो 2023 तक अनुमान के अनुसार 2.5 ट्रिलियन से ऊपर हो गया। इस तरह से छ: सालों के भीतर फ्रांस ने हॉफ ट्रिलियन या उससे कहीं अधिक का कर्जा उठा लिया। यह उसके कुल उत्पादन से कहीं अधिक है।
इसी तरह से भारत सरकार पर भी कर्जा बढ़ता जा रहा है। गणराज्य पर 1.5 ट्रिलियन या उससे अधिक का कर्जा हो गया है। अगर विपक्षी दलों की मानें तो मोदी सरकार ने अपने 10 साल के कार्यकाल में 1 ट्रिलियन कर्जा उठाया है, वह भी उस समय जब सरकारी उपक्रमों को बेचने या लिमिटेड बनाने का काम चल रहा है। इस तरह से भारत गणराज्य एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है।
ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि हर साल बजट पारित होता है और उसमें लेन-देन का विवरण दिया जाता है। इसमें सरकार कितना लौन उठा रही है, यह जानकारी नहीं दी जाती।
लाल सागर में पैदल सेना को भी भेजने की तैयारी
वाशिंगटन डीसी। अमेरिका और यमन के बीच विवाद गहराता जा रहा है और इस बीच यह भी समाचार आ रहा है कि लाल सागर में पैदल सेना को भी आधुनिक हथियारों के साथ युद्ध के लिए भेजा जा सकता है।
इंडो यमन में हूथी आतंकवादियों का बड़ा गिरोह सक्रिय है जो जहाजों को लूटने का कार्य करता है। इस आतंकवादी संगठन के खिलाफ पूर्व में अनेक प्रकार के प्रतिबंध लगाये जा चुके हैं और हवाई मार्ग से अनेक अतिक्रमण किये गये हैं।
दूसरी ओर ट्रम्प प्रशासन ने 2 अप्रेल से पूर्व ही सभी प्रकार के टैरिफ लगाने के लिए आदेश जारी कर दिये हैं। इस तरह से व्यवसायिक युद्ध के जरिये भी ट्रम्प संबंधित देशों को संकेत दे रहे हैं।
अमेरिका ने 25 प्रतिशत तक सभी देशों पर लोहे, इस्पात, कलपुर्जों पर टैरिफ लगाया है जो 2 अप्रेल से लागू होना है। अब इसको पूर्व में ही लागू किया जा सकता है और इसके साथ ही टैरिफज में 25 की जगह 50 प्रतिशत कर लगाये जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
ट्रम्प का नया अभियान, सेफ अमेरिका
न्यूयार्क। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका और उसके हितों की सुरक्षा के लिए एक नये बल का गठन किया है। इस संबंध में एक और कार्यकारी आदेश जारी किये गये हैं।
राष्ट्रपति ट्रम्प इससे पहले स्वच्छ, हरा-भरा अमेरिका अभियान का गठन कर चुके हैं और अब उन्होंने वाशिंगटन डीसी की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए नये बल का गठन किया है। उनका कहना है कि डीसी के भीतर कार्य करने वाले यह नया संगठन हमारे हितों, पर्यावरण को सुरक्षित रखेगा।
उल्लेखनीय है कि डे वन से लेकर शनिवार तक राष्ट्रपति 100 से ज्यादा कार्यकारी आदेश जारी कर चुके हैं। इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि कितनी तेजी से कार्य चल रहा है।