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ईरान-अमेरिका के बीच तनाव बढ़ा, विएतनाम को चीन ने चोरों तरफ से घेरा

श्रीगंगानगर। अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढऩे के समाचार आये हैं। राष्ट्रपति ट्रम्प ने मंगलवार दोपहर अनेक कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किये हैं, इनमें अनफेयर टिकट स्कैलपिंग भी शामिल है।
राष्ट्रपति ने अनेक हस्ताक्षरों पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि ईरान परमाणु बम निर्माण का कार्य कर रहा है और अगर उसको रोका नहीं गया तो फिर हम उसे नहीं रोक पायेंगे। ट्रम्प ने कहा कि हौथियों को मार रहे हैं। लगातार मारते रहेंगे। बहुत भयानक होने वाला है।
ट्रम्प ने कहा, पिछले दो हफ़्तों में लगातार हमलों ने ईरान समर्थित हौथी उग्रवादियों को खत्म कर दिया है। उनके कई लड़ाके और नेता अब हमारे साथ नहीं हैं। हम उन्हें हर दिन और रात मारते हैं — और भी बहुत कुछ। शिपिंग और क्षेत्र को ख़तरे में डालने की उनकी क्षमताएँ तेज़ी से नष्ट की जा रही हैं। हमारे हमले तब तक जारी रहेंगे जब तक कि वे नेविगेशन की स्वतंत्रता के लिए ख़तरा नहीं बन जाते। हौथियों के लिए विकल्प स्पष्ट है, अमेरिकी जहाजों पर गोली चलाना बंद करो, और हम तुम पर गोली चलाना बंद कर देंगे। अन्यथा, हमने अभी शुरुआत ही की है, और हौथियों और ईरान में उनके प्रायोजकों दोनों के लिए असली दर्द अभी आना बाकी है।
वहीं विएतनाम ने कहा है कि उसके द्विपीय देश को चारों तरफ से चीनी सेना ने घेर लिया है और जल, थल, वायु तीनों सेना अभ्यास कर रही हैं। उल्लेखीय है विएतनाम को चीन अपना अंग मानता है और इसी कारण वह समय-समय पर भडक़ाऊ बयान और कार्यवाही करता है।
विएतनाम न्यूज ने इस संबंध में बताया है कि चीन की कार्यवाही से असंतुलन खतरा बना हुआ है।

 

पेरिस नेता पेन को चुनाव लडऩे से पांच साल के लिए रोका गया

पेरिस। फ्रांस में विपक्ष की प्रमुख नेता मरीन ले पेन पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इस तरह से वे 2027 में होने वाला राष्ट्रपति पद का चुनाव नहीं लड़ पायेंगी। इस कार्यवाही की अमेरिका और यूरोपीय देशों ने कड़ी निंदा की है। राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रां को तानाशाह करार दिया जा रहा है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने एक बयान में कहा है कि 2027 का चुनाव मरीन जीत सकती थीं किंतु उनको प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह लोकतांत्रिक मर्यादाओं के विपरीत है।
इटली सहित कई अन्य देशों ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उल्लेखनीय है कि मरीन ले पेन को पांच साल के चुनाव लडऩे से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस तरह से वे आगामी राष्ट्रपति चुनाव में नहीं लड़ पायेंगी।
ध्यान रहे कि फ्रांस और भारत गहरे मित्र हैं, खासकर 2014 के बाद से।
अब विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है तो इससे नया विवाद खड़ा होना था और दुनिया भर से मरीन के पक्ष में आवाज उठायी जा रही है।

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