वाशिंगटन डीसी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बड़ा फैसला लेते हुए वर्चुअली इम्पोर्ट अर्थात ऑनलाइन सैक्स पर प्रतिबंध लगाते हुए जुर्माने का प्रावधान किया है और यह दुनिया के 60 देशों या इससे अधिक देशों पर लागू होगा। सर्वाधिक टैक्स दक्षिण पूर्व देशों अर्थात आसियान पर लगाया गया है। भारत को भी नहीं बख्शा गया है और उस पर भी 26 प्रतिशत टैक्स लगाया गया है।
ऑनलाइन स्वीपिंग अर्थात सैक्स पर ट्रम्प कदम दर कदम आगे बढ़े हैं। पहले उन्होंने मैक्सिको की खाड़ी को अमेरिका की खाड़ी संबोधित कर अपने इरादे साफ कर दिये थे। अब अमेरिका की खाड़ी को गूगल पर भी दर्शाया जाता है। इस तरह से खाड़ी पर कब्जा करने के उपरांत उन्होंने संसद को संबोधित किया और अब टैक्स का प्रावधान किया गया है।
संसद में उन्होंने अमेरिका इज बैक का संबोधन दिया था। अमेरिका फस्र्ट नीति के तहत ट्रम्प ने ओवल के रोज गार्डन में पत्रकार वार्ता को संबोधित किया और इसके बाद उन्होंने टैक्स की एक शृंखला को दुनिया के सामने रखा।
इसके अतिरिक्त 10 प्रतिशत टैरिफ प्रत्येक देश से आयात पर लगाया गया है।
स्वीपिंग इम्पोर्ट या वर्चुअली आयात क्या है?
ट्रम्प के भाषण की बात को याद रखें तो सामने आता है कि उन्होंने स्वीपिंग इम्पोर्ट पर भारी-भरकम टैक्स लगाया गया है। इस तरह से बिना माली की अनुमति के अब बेर नहीं तोड़े जा सकेंगे। पहले माली को इस संबंध में बताना होगा। टैक्स देना होगा और इसके बाद वर्चुअली सैक्स अर्थात स्वीपिंग इम्पोर्ट संभव हो सकेगा। इस नयी शृंखला के तहत कम्बोडिया, श्रीलंका, थाईलैण्ड, विएतनाम, ताईवान, चीन, बांग्लादेश को भारी-भरकम टैक्स से संदेश दे दिया गया है कि अब अमेरिका समझदार हो गया है। उन्होंने इस शब्द का इस्तेमाल अपने संबोधन में भी किया। अब हम धनवान होने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।
अनेक दुकानें बंद होंगी
दुनिया भर में ऑनलाइन स्वीपिंग या वर्चुअल सैक्स के लिए अब पहले निर्धारित टैक्स अमेरिका को देना होगा। एक कदम से दुनिया भर में जो अवैध कारखाने या दुकानें संचालित हो रही थीं, जो इस धंधे को आगे बढ़ा रही थी, वह सब बंद हो जायेंगी। राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा, अगर टैक्स से बचना है तो अपनी फैक्ट्रीज अमेरिका में लगाओ। नहीं तो टैक्स दो। इस तरह से अब अनेक कारखाने और दुकानें बंद हो जायेंगी जो मुम्बई, लॉस एंजलिस जैसे बड़े शहरों की गॉसिप का एक हिस्सा होती थीं।
ऑटिज्म से मुक्ति
इस एक नयी शृंखला से अमेरिका में ऑटिज्म पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। 2 अप्रेल को विश्व ऑटिज्म के रूप में संबोधित किया गया और इसे मुक्ति दिवस भी बताया गया। इस तरह से अब निर्धारित टैक्स देकर ही इस अवैध धंधे को प्रभावी बनाया जा सकता है।