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अगर अमेरिका डॉलर की छपाई को कुछ दिन रोक दे तो..!

न्यूयार्क। अमेरिका में औसतन आयु करीबन ७८ साल है और लाखों लोग ऐसे हैं जो वहां १०० वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद सामाजिक सुरक्षा का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। वहीं भारत में औसतन आयु ६७ साल है। इस तरह से अमेरिका में रहने वाला व्यक्ति भारत के मुकाबले १० साल ज्यादा जीवित रहता है। इसके पीछे क्या कारण रहते हैं?
भारत अपने सकल घरेलू उत्पाद का १० प्रतिशत ही हर वर्ष बजट पर खर्च करता है। अगर ४०० लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था को देखा जाये तो ४० लाख करोड़ रुपये ही खर्च करता है। इसमें ७० या उससे ज्यादा के विभागों को यह राशि खर्च करनी होती है। इसमें १० लाख करोड़ रुपये तो हर साल ऋण वितरण के लिए रखे जाते हैं।
इस तरह से कहा जा सकता है कि भारतीयों की शिक्षा, चिकित्सा, परिवहन आदि पर ३० लाख करोड़ रुपये ही खर्च होते हैं।
वहीं हम अमेरिका की चर्चा करें तो वह अपनी जीडीपी का करीबन २० प्रतिशत हिस्सा अमेरिकंस की स्वास्थ्य, शिक्षा आदि पर खर्च करता है। उसकी जीडीपी ३७ लाख करोड़ डॉलर (ट्रिलियन डॉलर) है। उसका बजट होता है ७ ट्रिलियन डॉलर के आसपास।
मिनियम गर्वनमेंट मैक्सियम गर्वनेंस की नीति के तहत अमेरिका आगे बढ़ता है। सरकार में १५ विभाग हैं। भारत सरकार के पास ७० या इससे ज्यादा विभाग हैं और हर विभाग का एक अलग से मंत्री है।
अगर चीन की चर्चा की जाये तो उसका बजट करीबन चार ट्रिलियन डॉलर होता है। अमेरिका से तीन ट्रिलियन डॉलर कम। भारत का बजट तो एक ट्रिलियन डॉलर भी नहीं है। इस तरह से एशिया के दो पड़ोसी देशों में भारी अंतर है। चीन में चुनाव नहीं करवाये जाते और भारत में च्लोकतांत्रिक व्यवस्थाज् है। चीन की औसतन आयु ७८ साल है। पाकिस्तान में औसतन आयु ६६ साल के करीब है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में बताया था कि सामाजिक सुरक्षा विभाग में १०० वर्ष करने वालों की संख्या मिलियंस में हैं अर्थात लाखों लोग हैं जो पंजीकृत हैं।
आर्थिक स्थिति के उपरांत अब अगर ट्रेड वॉर की चर्चा की जाये तो अमेरिका पर २४५ प्रतिशत कर लगाया गया है। इसका अर्थ यह हो गया कि हीरा, दवाइयां आदि अमेरिका में पहुंचती हैं तो प्रत्येक वस्तु के भाव पर २४५ प्रतिशत टैरिफ लगाया जायेगा।
इस तरह से चीन के लिए अमेरिका की नो एंट्री हो गयी है। चीन ने कहा था कि वह आखरी सांस तक मुकाबला करेगा। जैसे ही ड्रैगन की तरफ से बयान आया कि वह बोइंग की खरीद और कलपुर्जों पर बैन लगा रहा है अमेरिका ने तुरंत ही १०० प्रतिशत टैरिफ बढ़ा दिया। पहले १४५ प्रतिशत था, जिसे २४५ प्रतिशत कर दिया गया।
हिंद महासागर में बढ़ रहा है तनाव
औसत आयु, आय का स्रोत और देश पर शासन करने वाली संस्थाओं के बारे में जानकारी इसलिए दी गयी है कि कौनसा देश अपने नागरिकों से लगाव रखकर उनके हितों के लिए काम कर रहा है। अब अगर हिंद महासागर की जाये तो वहां पर तनाव बना हुआ है। अमेरिका ने अपने दो युद्धपोत किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए रखे हुए हैं। अमेरिका के पास दुनिया की सबसे बड़ी वायुसेना है। उसके पास २००० के करीब लड़ाकू विमान हैं। चीन के पास यही क्षमता ५०० के आसपास आकर ठहर जाती है। वहीं भारत चोथे स्थान पर है।
अमेरिका और चीन में जिस तरह से ट्रेड वॉर बढ़ रहा है, उससे आशंका है कि सामरिक क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रह पायेगा। चाइना में स्थिति लगातार बदल रही है और राजनीतिक गतिविधियों में भारी तेजी देखी जा रही है।
अमेरिका डॉलर का प्रकाशन रोक दे तो?
संयुक्त राज्य अमेरिका लगातार चीन को पिछाड़ रहा है। अब सवाल यह भी है कि अमेरिका अगर अपने डॉलर की छपाई का कार्य कुछ दिन रोक दे और बाजार में चल रही मुद्रा को वापिस ले ले तो क्या होगा? उस समय विदेशी मुद्रा भंडार सभी देशों का नीचे की ओर चला जायेगा और यह टैरिफ से भी ज्यादा गंभीर होगा। डॉलर की कमी के कारण क्रय-शक्ति कमजोर हो जायेगी।
कुछ दिनों के भीतर ही सभी देशों को अमेरिका की शर्तों पर अमेरिका के साथ समझौता करना पड़ सकता है। अभी तक दुनिया में व्यापार करने के लिए एक ही मुद्रा अधिकृत है, वह यूएसडी है।
सरकार का बजट भी बढ़ाता है औसतन आयु
अगर किसी सरकार का बजट संतुलित हो और सामाजिक सुरक्षा के लिए व्यापक राशि का भंडारण किया जाये तो इससे आम आदमी का स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है। अमेरिका में लाखों लोग १०० से ज्यादा की आयु के हैं और भारत-चीन में इनकी संख्या कम है तो अनुमान लगाया जा सकता है कि बेहतर प्रशासन, बेहतर शासन व्यवस्था भी उसके नागरिक के जीवन को बेहतर बनाती है और तनाव को कम करती है। भारत देश में लाखों युवा ऐसे हैं जो डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं।

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