श्रीगंगानगर। अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आरंभ हो गये हैं। आंदोलन का नाम 50501 दिया गया है। इस आंदोलन का नाम 50 राज्य, 50 प्रदर्शन और एक आंदोलन अर्थात सभी 50 राज्यों में प्रदर्शन होगा और आंदोलन का एक ही जीवंत लक्ष्य होगा।
अनेक तरह की विचारधाराओं में फंसे ट्रम्प निर्णय नहीं कर पा रहे हैं कि उन्हें क्या करना है। 2 अप्रेल को मुक्ति दिवस घोषित करते हुए पारस्परिक टैरिफ का एलान किया और फिर इसे वापिस ले लिया। पहले फ्रंटफीट पर आये और फिर अचानक ही बेकफीट में जाना उनके लिए परेशानी का एक कारण बन गया है।
लोग हाथों में तख्तियां और बैनर लिये हुए प्रदर्शन कर रहे थे और ट्रम्प प्रशासन को हटाने की मांग भी वे कर रहे थे।
ट्रम्प के खिलाफ यह प्रदर्शन एक दिन में लिया गया आंदोलन नहीं है बल्कि तीन महीने के कार्यकाल में जिस तरह से वे फ्रंटफुट से बैकफीट पर आ जाते हैं, उससे लोग निराश हैं। यूरोपीय देशों के खिलाफ पहले उन्होंने निर्णय लिये और फिर अपने दो शीर्ष अधिकारियों को वार्ता के लिए भेजकर खुद पिछले कदम पर यॉर्कर खेलने को मजबूर हो गये।
दुनिया भर में टैरिफ लगाकर आर्थिक मंच को उछल-कूद में डालने के उपरांत उन्होंने अपने डिप्टी को सैर सपाटे के लिए भेज दिया। मार्को रूबियो से पूछा जाना चाहिये कि 90 दिनों में उनके पास उपलब्धि क्या है।
आंदोलन को अमेरिका में जिस तरह से समर्थन हासिल हो रहा है, उससे राष्ट्रपति की लोकप्रियता में भी कमजोरी देखने को मिल रही है। उनके परिवार के सदस्य भी बार-बार निर्णय से बदल जाने से व्यथित नजर आ रहे हैं। एक नीति ट्रम्प को रखनी चाहिये, हां या ना। इस नीति के आधार पर ही उनको आगे बढऩा चाहिये।
रूस-युक्रेन युद्ध समाप्त करवाने को लेकर पहले वे काफी सक्रिय हो गये थे और अब उनका कहना है कि युद्ध उनके कार्यकाल में आरंभ नहीं हुआ था, इस कारण उनका दायित्व नहीं है। गाजा में जिस तरह के हालात हैं, उससे भी ट्रम्प परिवार स्वयं व्यथित है।
सोशल मीडिया के जरिये अमेरिका-विश्व से जुड़ी रहने वाली इवांका ट्रम्प भी प्रशासन से दूरी बना रही हैं क्योंकि ट्रम्प कब, क्या और कौनसा फैसला ले लेेंगे, यह किसी को नहीं पता।