न्यूयार्क। बड़ा सवाल इस समय दुनिया के सामने है। भारत और पाकिस्तान एक बार फिर से युद्ध के लिए तैयार होते दिख रहे हैं। उस समय यह उत्तर तलाशा जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रम्प-ब्लादीमिर पुतिन को मना पायेंगे।
रूस के राष्ट्रपति ने इस साल जनवरी में भारत की यात्रा करनी थी और अप्रेल माह की 25 तारीख तक नहीं आये थे। इसका अर्थ साफ है कि पुतिन ने भारत गणराज्य की सरकार के आमंत्रण को स्वीकार नहीं किया। क्यों नहीं किया, इसके पीछे अनेक कारण है।
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 21 जनवरी को कार्यभार संभाला और 12 फरवरी को पीएम मोदी उनसे मिलने के लिए पहुंच गये। अभी कुछ ही दिन बीते थे कि उपराष्ट्रपति जेडी वेंस को इंडिया भेजा गया। दोनों शीर्ष नेताओं की बैठक भी हुई।
हाल ही में डोनाल्ड ट्रम्प और पुतिन के बीच में हॉटलाइन पर वार्ता हुई थी। इसके बाद युक्रेन युद्ध के मसौदे को अन्तिम रूप दिया जा रहा था।
अमेरिकी मीडिया ने यह भी जानकारी दी है कि भारत और अमेरिका के बीच आतंकवादी घटना के बाद बातचीत हुई थी। इस अनौपचारिक बातचीत में दोनों पक्षों के बीच गर्मागर्म बहस भी हुई। इसके बाद पीएम ने बिहार जैसे हिन्दी भाषी राज्य में अंग्रेजी में भाषण दिया। इससे साफ है कि वे अमेरिका तक अपनी बात को पहुंचाना चाहते थे।
अब सवाल यह है कि अगर पाकिस्तान के साथ युद्ध होता है तो हथियारों की आवश्यकता होगी और कौनसा देश आपूर्ति करेगा। अमेरिका-रूस दोनों सबसे बड़े हथियार उत्पादक देश हैं। इस तरह से दोनों या दोनों में से एक को अपने पक्ष में करने की आवश्यकता होगी।