श्रीगंगानगर। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में किसान तीन दशक या इससे भी ज्यादा समय से पाकिस्तान की तरफ जाने वाले सतलुज नदी के पानी को रोकने की मांग करते हुए आंदोलन कर रहे हैं।
किसान नेता सुभाष सहगल बताते हैं कि अमृतसर मार्ग पर फिरोजपुर के नजदीक हरिके बैराज नामक बांध के गेट खराब हैं और हर रोज पानी पाकिस्तान चला जाता है। हरिके में सतलुज का पानी आता है। यह गेट आज के खराब नहीं है। 15-20 सालों से खराब हैं और मरम्मत की मांग करते हुए प्रधानमंत्री व राजस्थान सरकार को पत्र लिखे गये हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
सहगल बताते हैं, ‘सतलुज नदी का पानी का बहाव दो बार पाकिस्तान की तरफ है। वह एक बार तो वापिस इंडिया आ जाती है लेकिन फाजिल्का के निकट हुसैनीवाला से यह पाकिस्तान फिर चली जाती है और आगे विसर्जित हो जाती है।’
किसान नेता की मानें तो सतलुज-व्यास नदियों का पानी हरिके बांध में एकत्रित किया जाता है। बरसाती दिनों में पानी लीकेज होता है अथवा अधिक बरसाती पानी आता है तो गेट को पाकिस्तान के लिए खोल दिया जाता है। इस तरह से रोजाना एक लाख क्यूसेक या इससे भी कहीं ज्यादा पानी पाकिस्तान चला जाता है। इस पानी को रोकने के लिए श्रीगंगानगर बंद जैसे बड़े कदम भी उठाये गये, लेकिन सरकार पर कोई असर नहीं रहा।
उनका मानना है कि चिनाब, झेलम जो सिंधू नदी की सहायक नदियां हैं, का प्राकृतिक प्रवाह रोककर उसको भारत की तरफ लाने में समय लग सकता है। प्राकृतिक प्रवाह पश्चिम दिशा की ओर है और इस कारण पानी उधर चला जाता है। पहाड़ों से वैकल्पिक रास्ते बनाते हुए उसको भारत की तरफ लाना कड़ा संघर्ष का काम है और उस पानी के प्रवाह को रोकने के लिए काफी समय लगेगा।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने पाकिस्तान जाने वाले सिंधू और उसकी सहायक नदियों चिनाब, झेलम का पानी का प्रवाह रोकने के लिए निर्णय लिया है। वहीं पाकिस्तान गिलगित पहाडिय़ों पर बांध बनाने के लिए चीन का सहयोग ले रहा है। यह नदियां लदख क्षेत्र से आते हुए अरब सागर में जाकर विसॢजत हो जाती हैं।
पाकिस्तान को पानी का प्रवाह पूरी तरह रोकने में काफी समय लगेगा और इसके लिए अभी से कार्यवाही की आवश्यकता है। पंजाब की चार नदियों का पानी इस तरह से पाकिस्तान जा रहा है जो वहां पर समृद्धि को प्रदर्शित करता है।