न्यूयार्क। दुनिया में इस समय वैवाहिक संबंधों के लिए युवा एक-दूसरे को जानने का वक्त ले रहे हैं। मां-पिता को भी लगता है कि ऐसा किया जाना बेहतर होगा। इस तरह से रिश्तों की तलाश करते-करते 25 से 30 और 30 से 35 उम्र कब हो गयी, पता ही नहीं चलता और उसके बाद दिशा ही बदल जाती है।
एक अमेरिकन मैग्जीन ने विवाह के रिश्तों बारे विस्तार से लिखा है और बताया है कि विवाह त्याग मांगता है। त्याग नहीं तो फिर तलाक लिख देता है।
सबसे पहले अमेरिका के ही बिल गेट्स जिन्होंने माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के संस्थापक के रूप मेंं वींडो सॉफ्टवेयर तैयार किया। उन्होंने हाल ही में अपनी पत्नी मेलिंडा से तलाक ले लिया। विवाह के दशकों बाद दोनों को लगा कि अब हमें साथ नहीं रहना चाहिये और उन्होंने संबंधों को विच्छेद कर दिया।
इसी तरह से ही आईटी सैक्टर के ही हैड जेफ बेजोस जो अमेजन कंपनी के हैड हैं और उनका भी सिलीकॉन वैली में एक विशाल कार्यालय है, जहां हजारों लोग काम करते हैं। बेजोस ने कुछ समय पहले ही पत्नी मैक्रेंजी स्कॉट से तलाक ले लिया।
अन्य मामला देखें तो भारत सरकार के सुप्रीम कोर्ट में पूर्व सॉलिस्टर जनरल (महाधिवक्ता) हरीश साल्वे ने भी तलाक लेकर दूसरा विवाह कर लिया।
यह वो नाम हैं, जिनसे आज का युवा प्रेरणा लेता है और अपना साम्राज्य बनाने का संपना देखता है। इनकी जीवनी को पढ़ता है। उनके किये गये संघर्ष को देखता है। बेजोस, गेट्स आदि के पास कितना धन है, इनको खुद को नहीं पता।
अब भारत को देखा जाये तो लगभग प्रत्येक मोहल्ले में एक बेरोजगार इंजीनियर और एक सिंगल मदर/फादर नजर आ जाते हैं। वजह तलाक। कारण दोनों पक्ष जहां पर त्याग करने की आवश्यकता थी, वहां पर वे अहम को नहीं छोड़ पाये।
इंजीनियर्स और डेवोसी दोनों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। कारण किसी को समझ नहीं आ रहा, वे सतर्कता के नाम पर एक रिश्ता चाहते हैं।
भारत में तो लिव इन को भी मंजूरी मिली हुई है। दो-तीन साल इक_े रहने के बाद उनको लगता है कि अब नहीं बन पायेगी। अलग-अलग हो जाते हैं।
अब सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या किया जाये जिससे रिश्तों को लम्बी उम्र मिल सके।
एक वरिष्ठ अधिवक्ता कहते हैं कि युवक-युवती अपने विचारों जैसे साथी चाहते हैं। उनका कहना है कि गृहस्थ में बच्चे पत्नी-पति को आपस में बांधे रखने वाली डोरी होती है। तलाक के मामले पहले भी थे, किंतु अब इनकी संख्या में भारी बढ़ोतरी हो रही है।
हर साल अदालतों में लाखों नये कैस फैमिली से संंबंधित होते हैं।
विवाह करवाने के लिए अनेक स्थानों पर एजेंट्स कार्यालय खोलकर बैठे हैं। अनेक वेबसाइट हैं और हजारों की संख्या में व्हाट्स एप गु्रप है। इस तरह से चारों तरफ आपको ऐसे संसाधन मिल जायेंगे जो दो दिलों को जोडऩे का कार्य करते हों।
मां-बाप दो-दो, तीन-तीन साल अथक मेहनत करते हैं कि अपने बच्चे की पंसद की युवती को तलाश लिया जाये। अगर फिर भी रिश्ता नहीं हो रहा है तो सोचने की आवश्यकता है कि कहीं तलाश में या गृहस्थ जीवन की कुछ बुनियादी आवश्यकताओं को भूल गये हों।