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मणिपुर की समस्या का हल क्यों नहीं चाहती भारत गणराज्य की सरकार

नई दिल्ली। भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। दो समुदायों के बीच जो तनाव चल रहा है, उसमें हजारों लोग प्रभावित हुए हैं या मौत के मुंह में चले गये हैं।
गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोनों ही मणिपुर जाने से बचने का प्रयास कर रहे हैं। वहां भाजपा सरकार को तो बर्खास्त कर दिया गया किंतु स्थायी शांति नहीं हो पायी।
पूर्वोत्तर ऐसे राज्य हैं, जो भारत देश का मस्तिष्क हैं। उसी तरह से दिल्ली को भारत का हृदय कहा जाता है। उसी प्रकार पूर्वोत्तकर भी अपना एक अलग मुकाम है।
आजादी के बाद से अगर पूर्वोत्तर को देखा जाये तो सामने आता है कि असम राज्य के अनेक टुकड़े कर दिये गये, उसी तरह से उत्तर भारत के प्रमुख राज्य पंजाब को कई भागों में बांट दिया गया। उसी तरह से आसाम को भी नागालैण्ड, त्रिपुरा, मेघायल आदि राज्य बनाकर आसाम से अलग राज्य बना दिये गये।
इसको इस तरह से भी कहा जा सकता है कि भारत देश के मस्तिष्क को कई भागों में बांट दिया गया। आसाम को कई भागों में बांटा गया तो इससे कई विचाराधारा भी भारत देश में काम कर रही हैं।

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