न्यूयार्क। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि उनकी समझाइश का असर हुआ है और भारत-पाकिस्तान तुरंत सीजफायर पर राजी हो गये हैं।
एक सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रम्प का कहना है कि दोनों पक्षों को सीजफायर के लिए राजी कर लिया गया है।
वहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कहना है कि भविष्य में कोई भी आतंकवादी घटना को देश पर हमला माना जायेगा और उचित कार्यवाही की जायेगी।
यह भी देखना दिलचस्प होगा कि सुपर पॉवर या सुपर बॉस डोनाल्ड ट्रम्प के किये गये दावे को दोनों मानने को राजी हैं या नहीं। विदेश मंत्रालय कुछ देर में पत्रकार वार्ता करने वाला है।
‘रस्म-ए-दुनियाँ भी है, मौका भी है, दस्तूर भी है।’
श्रीगंगानगर। भारत की सेना दुश्मनों के छक्के छुड़ा रही है। 140 करोड़ लोग सेना के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़े हैं। पाकिस्तान के आधे हिस्से को ध्वस्त कर दिया गया है, इस बीच भारतीय जनता केन्द्र सरकार से यह भी आह्वान कर रही है कि इस बार अखण्ड भारत का सपना पूरा होना चाहिये।
भारतीय सेना की एक आवाज पर व्यापारी, उद्योगपति, गरीब मजदूर, स्ट्रीट वेंडर सब अपने संस्थान बंद कर भारत की सेना की ओर देख रहे हैं और उनका हौसला बढ़ा रहे हैं। सेना भी निराश नहीं कर रही। गुजरांवाला, स्यालकोट, रावलपिंडी, बहावलपुर ऐसे संस्थान है, जो नेस्तनाबूद हो रहे है।
देश की सेना को जिस तरह की जीत हासिल हो रही है, उससे एक बात साफ है, लाहोर, पीओके, कसूर, शेखुपुरा जैसे एतिहासिक इलाके एक बार फिर से भारत का हिस्सा हों। अखण्ड भारत का जो सपना 70 सालों से देखा जा रहा था वह पूर्ण हो।
1965 और 1971 में भारत ने जीत हासिल की थी किंतु लाहोर पर कब्जा होने के उपरांत भी सेना वापिस 1947 वाली जीरो लाइन पर आ गयी थी। इसका अर्थ यह था कि सेना ने जिन इलाकों को जीत लिया था, वह वापिस कर दिये गये।
अखण्ड भारत की कल्पना लाखों भारतीय करते हैं और उनका मानना है कि ‘रस्म ए दुनिया भी है, मौका भी है और दस्तूर भी है।’ इसका अर्थ यह है कि इस समय दुनिया में जो रस्म चल रही है, जो इलाका सेना जीत लेती है, उसको वापिस नहीं किया जाता। अब मौका भी है लाखों भारतीयों के सपनों को पूरा करने का।
रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया को जीत लिया था और उसके बाद उसको वापिस नहीं किया गया। यहूदी देश इजरायल ने भी सीरिया की पहाडिय़ों पर जीत हासिल कर ली थी, जिसको अमेरिका ने मान्यता भी प्रदान कर दी। इस तरह से विश्व में बदलाव हो रहा है।