श्रीगंगानगर। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने सांध्यदीप के उस समाचार पर अपनी मुहर लगा दी, जिसमें बिटकॉइन को हवाला कारोबार का ही एक रूप बताया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिटकॉइन ट्रेड को हवाला कारोबार की तरह ही अवैध व्यापार करार दिया। जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक समानांतर अंडर-मार्केट है और यह अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है।
कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि आप क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए स्पष्ट नीति क्यों नहीं बनाते। बेंच ने केंद्र की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करके, सरकार व्यापार पर नजर रख सकती है।
बेंच ने केंद्र सरकार को याद दिलाया कि उसने लगभग दो साल पहले डिजिटल करेंसी को लेकर भारत की नीति पर स्पष्टता मांगी थी। इसके बावजूद सरकार इसे रेगुलेट करने में विफल रही। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर आंखें मूंदने के समान है।
उल्लेखनीय है कि पिछले पांच सालों से सांध्यदीप ने लगातार बिटकॉइन के जरिये हो रहे हवाला कारोबार का जिक्र किया और समाचारों का प्रकाशन किया। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद बिटकॉइन के भावों में भी 2.88 लाख रुपये की कमी को दर्ज किया गया है। एक ही दिन में लगभग तीन लाख रुपये कम होने के बावजूद बिटकॉइन अभी भी 90 लाख रुपये प्रति क्वाइन के हिसाब से बिजनेस कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों उपरांत एक नयी नीति सरकार को बनानी होगी। इससे पहले भारत में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भी बिटकॉइन का मामला उठाया गया था। उस समय सभी देशों में सहमति नहीं बन पायी थी।