श्रीगंगानगर। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कनाडा सरकार ने न्यौता दिया है कि 15 से 17 जून तक होने वाले जी-7 देशों की शिखर बैठक में भाग लें। जी-7 की बैठक में अमेरिका, कनाडा, जापान, फ्रांस, जर्मन, ईटली और ब्रिटेन शामिल है। इसके अतिरिक्त यूरोपीय संघ के सदस्य देश भी इसमें भाग लेते हैं और भारत को विशेष आमंत्रित किया जाता है, वह इस समूह का सदस्य देश नहीं है।
जी-7 के दौरान ग्लोबल वार्मिक और सदस्य देशों के विकास कार्यक्रमों पर तो चर्चा होगी ही साथ ही विश्व की नजर भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच की चर्चा पर रहेगी। क्या यह दोनों नेता शिखर सम्मेलन के दौरान मिलेंगे?
अमेरिका इस समय भारत से मानवाधिकार को लेकर खासा नाराज है और भारतीय जेल को नरक का द्वार तथा कॉन्टेक्ट किलिंग जैसे मुद्दों को बार-बार उछालता रहा है।
मानवाधिकार ऐसा मुद्दा है कि अभीव्यक्ति की स्वतंत्रता इसमें शामिल हो जाती है। अगर दोनों देशों के शिखर नेता आपसी वार्ता करते हैं तो एक-दूसरे के खिलाफ जो नाराजगी है, उसको भी सामने लाया जा सकता है।
भारत गणराज्य ने कहा है कि वह अमेरिका के साथ जुलाई में समय सीमा समाप्त होने से पहले व्यापारिक समझौते को अन्तिम रूप दे देगा।
ट्रम्प ने फिलहाल भारत से आयातित होने वाली दवाइयों पर टैरिफ नहीं लगाया है। अगर यह टैरिफ लागू हो जाता है तो भारत के फार्मा उद्योग को बड़ा झटका लग सकता है। यूरोपीय संघ पर 50 प्रतिशत टैरिफ लागू कर दिया गया है।
ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि अनेक मुद्दों पर बैठक को लेकर नरेन्द्र मोदी के साथ ट्रम्प तटस्थ देश में वार्ता के लिए आमंत्रित कर चुके हैं लेकिन भारत गणराज्य सरकार ने इसका जवाब नहीं दिया है।