न्यूयार्क। अमेरिका में एक और धमाका हुआ है। विश्व भर से आयातित होने वाले वाहनों पर अब अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफज लगाया जायेगा। इससे एशिया, यूरोप में हडक़म्प मच गया है। कनाडा ने तो इसे अपनी सम्प्रभुता पर हमला बताया है।
अमेरिका, यूरोप और कनाडा नाटो के एक मंच के साथी हैं। दूसरी ओर उनके पास जी-7 देशों का भी संगठन है जो व्यापारिक संगठन बताया जाता है लेकिन इन देशों की बैठकों में 1965 से लेकर अभी तक डाई अभियान चलाया जा रहा था।
डाई कार्यक्रम के तहत ही लुधियाना के बुद्धा दरिया को काले और जहरीले पानी में बदल दिया गया। समाचारों में क्या होगा यह सीमा पार से आदेश आता है।
अब सीएनएन जो पहले डाई कार्यक्रम में शामिल था, उसने ट्रम्प को अब तक सर्वोत्तम राष्ट्रपतियों में से एक मान लिया है। हालांकि यूरोप, कनाडा और एशिया के देश इस मामले में अपना रुख स्पष्ट नहीं कर रहे हैं।
इसका भारत पर कितना असर पड़ता है, यह साफ नहीं हो पाया है लेकिन कनाडा, यूरोप पर इसका खासा असर दिखाई देगा। पहले ही कनाडा और यूरोप के साथ राष्ट्रपति की गर्माहट चल रही है और अपने पुराने साथियों को भूलकर अमेरिका ने अब रूस को अपने साथ मिला लिया है। रूस को पुन: जी-7 सदस्य देश के रूप में शामिल किया जायेगा, ऐसा ट्रम्प करना चाह रहे हैं। हालांकि उन्होंने एक अलग संगठन स्कवाड भी बनाया है जिसमें भारत नहीं है। इसमें ऑस्ट्रेलिया के साथ, जापान ओर दक्षिण कारिया आदि देश शामिल हैं।
अब इस्पात, स्टील के अतिरिक्त कारों पर भी टैक्स लगाये जाने के उपरांत विश्व के अन्य देशों पर यह असर पड़ेगा कि वहां की कंपनियां बोरिया बिस्तर समेट कर अमेरिका आ सकती है। हुंदई ने तो प्लांट लगाने का एलान कर दिया है।
यह सब दरें उस दिन आरंभ होंगी जिस दिन अमेरिका मुक्ति दिवस के रूप में मनायेगा। 2 अप्रल को आटिज्म पीडि़त बच्चों के लिए जागरुकता तय की जाती है। अनेक कार्यशालाएं होती हैं। उस दिन से करीबन 50 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ दुनिया भर में लागू हो जायेंगे।