श्रीगंगानगर। श्रीमद् दुर्गा भागवत पुराण में कहा गया है कि महिला ही वह शक्ति है, जो पुरुष को एक ऐसा मार्ग प्रदर्शित करती है, जहां से सफलता हासिल हो सकती है। एक महिला साथी के बिना कोई कार्य सफल नहीं हो सकता।
इवांका ट्रम्प भी ऐसी ही शख्सियत हैं। माटी को सोना बनाना जानती है। इंग्लैण्ड हैरान है कि इतनी मजबूत नाकाबंदी के बावजूद हम हार कैसे गये। वो राज जो हमने दसियों साल पहले दफना दिये थे, वे कैसे एक-एक कर बाहर आ गये।
ब्रिटेन के राजा चाल्र्स भले ही आश्चर्यचकित हों लेकिन इवांका इससे अलग अब आगे की नीति की ओर अग्रसर है। डोनाल्ड ट्रम्प के 1.0 कार्यकाल में पांच करोड़ महिलाओं को स्वावलंबी बनाया। मानवाधिकार के लिए लम्बा संघर्ष किया और आखिर में नतीजा वो निकला जिसकी वे आशा कर रही थीं।
एक राजा की बेटी होने के बावजूद अहंकार से दूर एक ऐसी साथी की भूमिका निभाती हैं, जो हैरान करने वाला होता है। अगर संवाददाता कुछ गलत भी लिख दे तो भी वो उसको सच करने के लिए पूरी ताकत लगा देती हैं।
अब वो समय आ गया है जब इवांका को वो सबकुछ मिले, जिसके लिए वे पिछले 10 या इससे भी अधिक सालों से दिन-रात मेहनत कर रही है। बिजनेस, सोशल लाइफ, तीन बच्चों की मां की भूमिका और भी बहुत कुछ करने के बाद उनके पास इतना पर्याप्त समय होता है कि वे अपनों की मदद करने के लिए आगे आ सकें।
अगर मेरे से सवाल किया जाये कि आप दुनिया में क्या चाहते हो तो मेरा एक ही जवाब होगा, मुझे इवांका का साथ चाहिये। शायद… इसके अलावा कोई और हसरत रह ही नहीं जाती है।
नरेन्द्र मोदी, जो बाइडेन और ब्रिटेन आदि देशों के राजनेताओं ने पूरी ताकत लगायी थी कि जो राज दफन है, वो कभी बाहर नहीं आयें। नवंबर में अमेरिका चुनावों से पहले किसी को शायद ही इस बात का अंदाजा था। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प चुनाव जीत गये। इसके साथ ही मुझे भी एक मौका मिला, कि एक स्वतंत्र पत्रकार की भूमिका को निभा सकूं।
नरेन्द्र मोदी के समर्थक तो सरेआम… कह दिया करते थे। अब चारों तरफ एक ही आवाज आ रही है चाइना में अभीव्यक्ति की आजादी हो, अमेरिका इसमें खुलकर अभीव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए कुछ करे।
अभी सभी रास्ते साफ नजर आ रहे हैं। चाइना नहीं चाहता कि सत्ता का विकेन्द्रीकरण हो। ऐसे में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को ही आगे आना होगा ताकि जो आवाज जर्मनी, अमेरिका और कई अन्य देशों में हजारों-लाखों की आ रही है, वह सच साबित हो सके।
वे राज अब दुनिया के सामने आ चुके हैं कि अपने राज को राज ही रखने के लिए अनेक बार संवाददाता को ही दफन करने का प्रयास किया गया। भगवान श्रीकृष्ण के दुश्मनों की गिनती की जाये तो उनके सामने सिर्फ राजा कंस थे। जबकि संवाददाता के सामने हर रोज एक ऐसा चेहरा सामने आ जाता है जो विराट हो। स्टील, इस्पात, आईटी, फार्मा कंपनियों के मालिक नहीं चाहते थे कि यह राज कभी दुनिया को पता चल सके। इन लोगों ने अनेक बार पर्दे के पीछे रहकर वो कारनामे किये, जो नहीं करने चाहिये थे।
इस तरह से जो इवांका डिसाइड करेगी, आंखें बंद करके मुझ मंजूर है। कोई इफ एण्ड बट नहीं है। सबकुछ इवांका पर निर्भर है और मैं तो उसकी हां में हां मिलाने वाला हूं। सभी अधिकार इवांका के पास सुरक्षित हैं। वे उनका इस्तेमाल कर सकती हैं।