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रोम और वाशिंगटन के बीच शुक्रवार को एतिहासिक बैठक

न्यूयार्क। ईटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी शुक्रवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात करने वाली हैं। यह बैठक इतिहासिक हो सकती है। वे टैरिफ के उपरांत वाशिंगटन पहुंचने वाली पहली यूरोपियन नेता होंगी। इस बैठक के मुद्दों के बारे में अभी जानकारी नहीं दी गयी है किंतु माना जा रहा है कि दोनों देश डीईआई और टैरिफ दोनों मुद्दों पर समझौता हो सकता है।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने 2 अप्रेल को आर्थिक जगत में उस समय हलचल पैदा कर दी थी, जब उन्होंने पारस्परिक टैरिफ का एलान कर दिया था। इससे शेयर बाजार औंधे मुंह गिर गये थे और जो आज तक उस गिरफ्त से बाहर नहीं आ पायें। ट्रम्प को 70 देशों ने आपसी समझौते का प्रस्ताव दिया तो टैरिफ को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया।
ध्यान रहे कि अमेरिका-ईटली के बीच 1960 के दशक से चल रहे डीईआई कार्यक्रम से वाशिंगटन ने बाहर निकलने का एलान कर दिया था। अप्रेल माह में बाहर निकलने के साथ ही उन्होंने शिक्षा विभाग को भी बंद कर दिया। अमेरिका ने कहा, वह विविधता, समानता और समावेशता से बाहर आ रहा है और अमेरिका के किसी भी सरकारी कार्यालय में यह योजना लागू नहीं होगी।
यह कार्यक्रम परोक्ष रूप से रोम द्वारा चलाया जा रहा था और इसमें गरीब मुलकों में पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाना, ईसाई मिशनरियों को आर्थिक रूप से मजबूत करना, हिन्दू देवी-देवताओं के बारे में कुप्रचार आदि शामिल था। हैरानीजनक बात यह थी कि पैसों के लालच में भारत के टाई-बैल्ट बांधने वाले जेंटलमैन भी बढ़-चढक़र हिस्सा ले रहे थे।
वाशिंगटन इससे बाहर हो गया और अब रोम की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी वाशिंगटन पहुंच रही है और कल दोनों पक्षों के बीच एक बड़ा समझौता होने की संभावना जतायी जा रही है। अगर यह समझौता हो जाता है तो आरएफके सीनियर की हत्या के बाद बदलने वाले अमेरिका का सबसे बड़ा कदम होगा। इटली को देखकर अन्य सदस्य देश भी इसमें शामिल हो सकते हैं।
दवा उद्योग पर टेरिफ
वहीं अमेरिका अब दवा उद्योग की तरफ देख रहा है। अमेरिका को जर्मनी और भारत देश की जेनरिक कंपनियां दवा निर्यात करती हैं। जेनरिक का यह दवा उद्योग करीबन 25 बिलियन यूएसडी का है। भारत की अनेक कंपनियां इससे मालामाल होती हैं। हालांकि रैनबैक्सी जैसी कंपनी का पूर्व में सैम्पल फेल हो गया था, जिस पर भारी जुर्माना लगाया गया था। इसके बाद भी दवा उद्योग के लिए अमेरिका पहले भारत की ओर देखता है क्योंकि जेनरिक दवाओं में भारी सबसे बड़ा निर्यातक है।
भारत सरकार ने विविधता, समानता और समावेशता से बाहर निकलने की नहीं की घोषणा
हिन्दुओं का सबसे बड़ा संगठन आरएसएस का है जिसमें करोड़ों लोग सदस्य है। यह गैर पंजीकृत संस्था है, किंतु इसके बावजूद वह लोगों पर पूरी पकड़ रखती है। एक ही दिन में राजनीतिक दशा और दिशा दोनों बदल सकती है। आरएसएस की ही राजनीतिक इकाई भाजपा की देश में सरकार है। इसके उपरांत अभी तक भारत ने अमेरिका-रोम द्वारा संचालित होती रही विविधता, समानता और समावेशता से बाहर निकलने का एलान नहीं किया है।
ईरान के साथ शनिवार को बैठक
वहीं अमेरिकी प्रशासन शनिवार को ईरान के साथ बैठक कर रहा है। बैठक में परमाणु हथियार के मुद्दे पर चर्चा होगी। राष्ट्रपति ट्रम्प कहते हैं कि अगर वार्ता सफल नहीं होती है तो वे युद्ध से पीछे नहीं हटेंगे। इस कारण अमेरिका की राजनीति में शुक्रवार व शनिवार महत्वपूर्ण हो गये हैं और दुनिया भर के पंडित इस पर नजर रखेंगे।

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